मुंबई, 17 दिसंबर (भाषा) अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लि. के निदेशक जीत अदाणी ने मंगलवार को कहा कि देश वैश्विक प्रौद्योगिकी की दौड़ से बाहर नहीं रह सकता है और उसे ऐसी क्षमताएं विकसित करनी चाहिए जो इसके दुरुपयोग के खिलाफ सतर्क रहते हुए इसे शीर्ष पर रखें।
उद्योगपति गौतम अदाणी के छोटे पुत्र जीत अदाणी ने आईआईटी बंबई के टेकफेस्ट-2024 में कहा कि प्रौद्योगिकी का भविष्य डरावना और रोमांचक दोनों है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन चाहे यह डरावना हो या रोमांचक, हम एक राष्ट्र के रूप में या उसके नागरिक के रूप में प्रौद्योगिकी को न तो नजरअंदाज कर सकते हैं और न ही उसके उपयोग में धीमी गति से चल सकते। भारत इस वैश्विक दौड़ से बाहर नहीं रह सकता।’’
अदाणी ने कहा, ‘‘अगर हम शीर्ष पर रहना चाहते हैं और 2047 तक विकसित भारत के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं तो हमारी पीढ़ी को इस नए प्रौद्योगिकी युग में भारत का नेतृत्व करने के लिए क्षमताओं का निर्माण करने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने मानव जाति को प्रगति करने में मदद की है, पर इसका उपयोग फर्जी समाचार, फर्जी तस्वीरें, फर्जी वीडियो, ऑनलाइन घोटाले और साइबर अपराध जैसे गलत कार्यों के लिए भी किया जा रहा है।
अदाणी ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी का दायरा और शक्ति बढ़ती है, हमें इस बात के लिए सावधान रहना चाहिए कि प्रौद्योगिकी के नुकसानदायक उपयोग को प्रौद्योगिकी के लाभकारी उपयोग पर हावी न होने दें। प्राद्योगिकी उतनी ही अच्छी है जितना लाभ देती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम कृत्रिम मेधा (एआई) की ताकत से लैस एक नई दुनिया के मुहाने पर खड़े हैं। हम सभी को खुद से पूछना चाहिए कि यह कैसे सुनिश्चित किया जाए कि प्रौद्योगिकी की विशाल क्षमता का उपयोग अच्छे के लिए किया जाए। इसकी कोई सीमा नहीं है कि प्रौद्योगिकी हमें कहां ले जा सकती है। लेकिन इसके आगे बढ़ने का मार्गदर्शन करना हमारी पीढ़ी की जिम्मेदारी है।’’
अदाणी ने छात्रों से अपनी प्रौद्योगिकी गतिविधियों का उपयोग सामाजिक लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि भारत ने पहले ही यूपीआई और डिजिटल इंडिया जैसे उपायों के माध्यम से उद्देश्यपूर्ण प्रौद्योगिकी को अपना लिया है। इसने वित्तीय और डिजिटल सेवाओं को लाखों लोगों के लिए सुलभ बना दिया है।
अदाणी ने कहा कि देश में हर साल 180 अरब ‘कैशलेस’ लेनदेन हो रहे हैं और यह अमेरिकी, ब्रिटेन जैसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कहीं अधिक संख्या है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी का उपयोग न केवल आर्थिक वृद्धि के लिए बल्कि स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और संचालन व्यवस्था में लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का समाधान करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।’’
भाषा रमण अजय
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