कोलकाता, 23 जुलाई (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किए गए वित्त वर्ष 2024-25 के बजट पर चाय उद्योग की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है।
एक प्रमुख उत्पादक संगठन, भारतीय चाय संघ (टीएआई) ने कहा कि असम और पश्चिम बंगाल में चाय श्रमिकों, विशेषकर महिलाओं और उनके बच्चों के कल्याण के लिए बनाई गई ‘प्रधानमंत्री श्रमिक प्रोत्साहन योजना’ (पीएमसीएसपीवाई) एक स्वागतयोग्य कदम है।
हालांकि, एसोसिएशन ऑफ टी ऑक्शनर्स (एटीए) के सचिव सुजीत पात्रा ने कहा कि जाहिर तौर पर 2024-25 के बजट में चाय उद्योग के लिए कुछ भी नहीं है।
टीएआई ने कहा कि सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य श्रमिकों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधानों को मजबूत करने के लिए चाय उत्पादक क्षेत्रों में जरूरत के हिसाब से हस्तक्षेप करना है।
टीएआई ने कहा कि कृषि क्षेत्र को जुझारू क्षमता प्रदान करने का प्रस्ताव चाय उद्योग की मदद करेगा।
एसोसिएशन ने कहा कि सरकार ने विशेष रूप से रोजगार सृजन और कौशल की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिससे चाय उद्योग को काफी लाभ होगा।
चाय उत्पादक क्षेत्रों में डिजिटल और बैंकिंग बुनियादी ढांचे का विकास कई वर्षों से उद्योग की लगातार मांग रही है।
टीएआई ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर क्षेत्र में बैंक शाखाएं स्थापित करने की घोषणा उस दिशा में एक सकारात्मक कदम है।’’
एसोसिएशन ने कहा कि पीएमएवाई (प्रधानमंत्री आवास योजना) और पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) को जारी रखने से निश्चित रूप से चाय बागानों में रहने वाले लोगों सहित ग्रामीण आबादी को लाभ होगा।
भाषा राजेश राजेश अजय
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