नई दिल्ली: Tata Motors Demerger सुई से लेकर हवाई जहाज तक निर्माण करने वाली कंपनी टाटा को हाल ही में रमन टाटा के निधन से बड़ा झटका लगा है। रतन टाटा के निधन से पूरी दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई थी। वहीं, अब खबर आ रही है कि टाटा की फेवरेट कंपनी टाटा संस टाटा मोटर्स दो हिस्सों में बटने वाली है। बताया जा रहा है कि इसके बाद दोनों के बिजनेस अलग-अलग हो जाएंगे। तो चलिए जानते हैं कि रतन टाटा के निधन के बाद ही ऐसा फैसला क्यों लिया गया?
Tata Motors Demerger दरअसल टाटा मोटर्स अब डेट फ्री हो चुकी है। इसके साथ ही कंपनी के पास 1000 करोड़ का कैश रिजर्व है। डेट फ्री होने के बाद कंपनी ने फैसला लिया है कि टाटा मोटर्स अब दो हिस्सों में देशभर में बिजनेस करेगी। इसमें से एक पैसेंजर व्हीकल (PV) और दूसरा कमर्शियल व्हीकल (CV) होगा।
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि नई संरचना के निर्माण के बाद इन संस्थाओं के बोर्डों को भी नए सिरे से तैयार किया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि टाटा समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन अन्य प्रमुख अधिकारियों के साथ इस होल्डिंग इकाई के अध्यक्ष होंगे। टाटा मोटर्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी, पीबी बालाजी, जिन्हें ऑटोमोबाइल व्यवसाय के सफल पुनर्गठन का श्रेय दिया जाता है और उनको नेतृत्व मिल सकता है। इस विलय से टाटा मोटर्स को पीवी और वाणिज्यिक वाहन (सीवी) व्यवसायों के लिए स्वतंत्र पूंजी जुटाने में मदद मिलने की उम्मीद है।
मुंबई स्थित एक प्रमुख ब्रोकरेज के प्रमुख के मुताबिक, “पीवी एक अधिक ठोस विकास कहानी है जो सीवी व्यवसाय की तुलना में बेहतर मूल्यांकन हासिल करने में सक्षम है, जो टाटा मोटर्स के शेयरधारकों के लिए मूल्य अनलॉक करने में मदद करती है. परिणामस्वरूप, सीवी और पीवी व्यवसायों के अलग होने के बाद हम संभावित रूप से टाटा मोटर्स में इलेक्ट्रिक पीवी शाखा की सूची देख सकते हैं.
यह डीमर्जर 2022 में किए गए पीवी और ईवी व्यवसायों के सब्सिडियरीकरण की एक तार्किक प्रगति है, जिससे दोनों की कारोबार की जवाबदेही हो और तेजी से ग्रोथ के लिए अपनी खुद की रणनीति बनाई जा सके। मामले से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने कहा कि CV और PV के बीच सीमित तालमेल है। वहीं पीवी, ईवी और जेएलआर (जगुआर लैंड रोवर) में ईवी, ऑटोनॉमस वाहनों और वाहन सॉफ्टवेयर के क्षेत्रों में बहुत अधिक तालमेल है।
डीमर्जर के बाद पीवी और सीवी की रणनीतियों को अलग करने में मदद मिलेगी। हालांकि, कारोबार पैसेंजर बिजनेस की ओर झुका हुआ है। इसमें यूके की लक्जरी-वाहन मेकर जेएलआर का रेवेन्यू काफी महत्वपूर्ण है। टाटा मोटर्स का भारतीय व्यवसाय, जिसमें सीवी, पीवी और ईवी शामिल हैं, अब ‘1,000 करोड़ सकारात्मक नकदी के साथ कर्ज मुक्त है। ऑटो प्रमुख को यह उम्मीद नहीं है कि डिमर्जर में कर्ज पर दबाव पड़ेगा।
हालांकि, टाटा मोटर्स का सकल ऋण दो नई संस्थाओं के बीच उनकी संपत्ति के आकार के अनुपात में विभाजित किया जाएगा। सीवी और पीवी के बीच वर्तमान परिसंपत्ति विभाजन 60:40 है। टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2024 में अपना अब तक का सबसे अधिक समेकित राजस्व ‘4.38 लाख करोड़’ दर्ज किया। जेएलआर ने राजस्व में 70% का योगदान दिया, इसके बाद सीवी ने 18% और गैर-जेएलआर पीवी व्यवसाय ने 12% का योगदान दिया।