शुल्क युद्ध से भारत के पास खिलौना निर्यात का वैश्विक केंद्र बनने का अवसर : व्यापार संगठन

शुल्क युद्ध से भारत के पास खिलौना निर्यात का वैश्विक केंद्र बनने का अवसर : व्यापार संगठन

शुल्क युद्ध से भारत के पास खिलौना निर्यात का वैश्विक केंद्र बनने का अवसर : व्यापार संगठन
Modified Date: April 13, 2025 / 12:13 pm IST
Published Date: April 13, 2025 12:13 pm IST

कोलकाता, 13 अप्रैल (भाषा) अमेरिका-चीन के बीच शुल्क युद्ध के तेज होने के साथ ही भारतीय खिलौना उद्योग के खिलाड़ी इसे एक ‘सुनहरा अवसर’ मान रहे हैं।

उनका मानना है कि यह स्थिति भारत को विशेषरूप से अमेरिका के लिए एक प्रमुख निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित कर सकती है। एक व्यापार संगठन के अधिकारी ने रविवार को यह बात कही।

अमेरिका ने हाल में चीन से खिलौनों के आयात पर 145 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाया है-जो वैश्विक खिलौना व्यापार को नया आकार दे सकता है।

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एक अधिकारी ने कहा कि चीन, जिसके पास पहले अमेरिका के खिलौनों के आयात का लगभग 77 प्रतिशत हिस्सा था, उच्च शुल्क के कारण उसके निर्यात में महत्वपूर्ण गिरावट आने की उम्मीद है। इससे वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं के लिए जगह खुल जाएगी।

टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अक्षय बिंजराजका ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भारत खाली हुए स्थान को भरने के लिए अच्छी स्थिति में है।

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका का खिलौना बाजार लगभग 41.7 अरब डॉलर का है। यह भारतीय विनिर्माताओं के लिए बड़ा अवसर प्रदान करता है।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय उत्पादक अब चीन के खिलौनों को गुणवत्ता और मूल्य के मोर्चे पर चुनौती दे सकते हैं।

भारत का खिलौना निर्यात पहले से ही लगातार बढ़ रहा है। यह 2014-15 के चार करोड़ अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में अनुमानित 15.2 करोड़ डॉलर हो गया है। वहीं दूसरी ओर चीन से भारत का खिलौना आयात 2019-20 के 23.5 करोड़ डॉलर से घटकर 2023-24 सिर्फ 4.1 करोड़ डॉलर रह गया है।

भारत द्वारा सख्त नियंत्रक उपाय लागू करने और घरेलू स्तर पर खरीद बढ़ाने से चीन से खिलौना आयात में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

बिंजराजका ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से एक समर्पित क्लस्टर विकसित करके राज्य के खिलौना उद्योग का समर्थन करने की भी अपील की है। यह उद्योग की लंबे समय से मांग रही है।

भाषा अजय अजय

अजय


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