नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) देश की निजी दूरसंचार कंपनियों को नए साल में निवेश वसूली में दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो शुल्क वृद्धि के बाद ग्राहक उनके नेटवर्क को छोड़ रहे हैं और उपग्रह कंपनियां (सैटकॉम), मुख्य रूप से एलन मस्क की स्टारलिंक उनके मुख्य डेटा कारोबार पर नजर गड़ाए हुए हैं।
निजी कंपनियों ने अगली पीढ़ी की 5जी सेवाओं के कवरेज का विस्तार करने के लिए इस साल दूरसंचार बुनियादी ढांचे और रेडियोवेव परिसंपत्तियों में लगभग 70,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो इस क्षेत्र के लिए 2024 की मुख्य विशेषताओं में से एक है।
निवेश की वसूली और मार्जिन की रक्षा के लिए, निजी दूरसंचार कंपनियों ने साल के बीच शुल्क बढ़ोतरी का सहारा लिया, लेकिन यह कदम उल्टा पड़ गया।
करीब दो करोड़ ग्राहकों ने अपने कनेक्शन खो दिए। रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने संयुक्त रूप से 10-26 फीसदी की कीमत वृद्धि के कारण 2.6 करोड़ ग्राहक खो दिए।
सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की। घाटे में चल रही यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी अभी भी पुरानी 3जी सेवा दे रही है और देश भर में 4जी नेटवर्क शुरू करने की राह पर है।
ग्राहकों की संख्या में कमी के बावजूद, निजी कंपनियों को निवेश की भरपाई करने तथा भविष्य में वृद्धि को गति देने के लिए नए युग की सेवाएं प्रदान करने हेतु 5जी में अधिक निवेश करने की आवश्यकता है।
ईवाई इंडिया मार्केट्स और दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज प्रशांत सिंघल के अनुसार, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया का संचयी निवेश 2024 में लगभग 70,200 करोड़ रुपये था।
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए) के महानिदेशक मनोज कुमार सिंह का कहना है कि दूरसंचार बुनियादी ढांचा क्षेत्र 5जी पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन देने के लिए 2022-2027 में 92,100 करोड़ रुपये से 1.41 लाख करोड़ रुपये के संचयी निवेश की उम्मीद कर रहा है।
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शुल्क वृद्धि के मुद्दे पर दूरसंचार कंपनियों का समर्थन किया और नेटवर्क में कंपनियों द्वारा किए गए निवेश का हवाला दिया।
साल 2024 में 5जी सेवाओं की शुरुआत ने कृत्रिम मेधा (एआई) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने का मार्ग प्रशस्त किया है, जिसमें वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं।
इंडस टावर्स और अमेरिकन टावर कॉरपोरेशन की सदस्यता वाले डीआईपीए का कहना है, “5जी की तैनाती एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम है। हमने 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशनों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जो दिसंबर, 2023 में 412,214 से बढ़कर नवंबर, 2024 तक 462,854 हो गई है।’
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