नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) स्विट्जरलैंड ने कहा है कि दोहरे कराधान से बचाव समझौते में सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एफएफएन) के खंड को निलंबित करने के उसके निर्णय से भारत और ईएफटीए ब्लॉक के बीच पहले से हस्ताक्षरित व्यापार समझौते को लागू करने में देरी नहीं होगी।
स्विट्जरलैंड की सरकार ने एमएफएन का दर्जा निलंबित कर दिया है, जिससे भारत में स्विस निवेश प्रभावित हो सकता है। साथ ही इसके चलते यूरोपीय देश में परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों पर अधिक कर लगाया जा सकता है।
भारत और चार देशों के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) ने मार्च में समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे आधिकारिक तौर पर टीईपीए (व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता) कहा जाता है। इसके सदस्य आइसलैंड, लीकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। समझौते को अभी लागू किया जाना है।
भारत में स्विट्जरलैंड के दूतावास ने इस मामले पर पीटीआई-भाषा के सवालों के जवाब में कहा, ‘‘इस निर्णय से ईएफटीए-भारत टीईपीए को लागू करने में देरी नहीं होगी।’’
दूतावास ने यह भी कहा कि इस निर्णय से स्विटजरलैंड से भारत में होने वाले निवेश पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
जवाब में कहा गया कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध प्रभावित नहीं होंगे।
भारत और चार देशों के यूरोपीय ब्लॉक ने एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत भारत को समूह से 15 साल में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता मिली, जबकि स्विस घड़ियों, चॉकलेट और तराशे हुए तथा पॉलिश किए गए हीरे जैसे कई उत्पादों को कम या शून्य शुल्क पर देश में अनुमति दी गई।
भाषा पाण्डेय अजय
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