धारावी पुनर्विकास के लिए अब तक 63,000 इकाइयों का सर्वेक्षण पूरा

धारावी पुनर्विकास के लिए अब तक 63,000 इकाइयों का सर्वेक्षण पूरा

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  • Publish Date - March 25, 2025 / 04:55 PM IST,
    Updated On - March 25, 2025 / 04:55 PM IST

मुंबई, 25 मार्च (भाषा) एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती धारावी की पुनर्विकास परियोजना के तहत जारी सर्वेक्षण ने इसकी रिहायशी एवं वाणिज्यिक संरचनाओं का नक्शा बनाने और दस्तावेजीकरण के लिए 2007-08 में किए गए पिछले सर्वेक्षण के स्तर को पार कर लिया है।

अधिकारियों ने कहा कि 63,000 से अधिक ठिकानों का पहले ही सर्वेक्षण किया जा चुका है और यह गिनती अब भी जारी है।

झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) के दिशानिर्देशों के तहत केवल भूतल के निवासियों को आमतौर पर मुफ्त आवास के लिए पात्र माना जाता है।

धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एसवीआर श्रीनिवास ने कहा, ‘‘हमारे सर्वेक्षण ने एक महत्वपूर्ण और निर्णायक मील का पत्थर पार कर लिया है। यह पुनर्विकास योजना केवल भूतल के मकानों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ऊपरी मंजिल की संरचनाओं को भी कवर करती है। यह दर्शाता है कि सरकार सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। धारावी में कोई भी पीछे नहीं रहेगा।’’

सर्वेक्षण के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अबतक 95,000 से अधिक मकानों के लिए लेन मुआयना पूरा हो चुका है, जबकि 89,000 से अधिक मकानों को क्रमांकित किया गया है, और 63,000 से अधिक मकानों के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।

वर्ष 2007-08 में हुए पिछले सर्वेक्षण के उलट इस सर्वेक्षण में भूतल और ऊपरी मंजिल की संरचनाएं, मौजूदा एसआरए भवन, आरएलडीए भूमि पर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग और सभी धार्मिक संरचनाएं भी शामिल हैं।

श्रीनिवास ने कहा, ‘‘हम सर्वेक्षण के अंतिम चरण में प्रवेश कर चुके हैं। संख्याएं स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि धारावी के लोग पुनर्विकास के पक्ष में हैं और सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।’’

परियोजना को पूरा करने के लिए गठित नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (एनएमडीपीएल) लगभग 1.5 लाख आवास बनाने की तैयारी कर रही है क्योंकि अधिकांश झोपड़ियां जी+2 स्तर तक बढ़ गई हैं, जिससे पुनर्वास की जरूरत वाले आवासों की संख्या बढ़ गई है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय