नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) दूरसंचार दिग्गज सुनील भारती मित्तल ने उपग्रह कंपनियों के लिए लाइसेंस शुल्क का भुगतान करने के साथ-साथ अपनी दूरसंचार सेवाओं के लिए ‘एयरवेव’ खरीदने की मंगलवार को वकालत की जैसा कि पुरानी कंपनियां करती हैं, ताकि समान अवसर उपलब्ध कराया जा सके।
भारत की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के प्रमुख मित्तल ने ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस’ में कहा कि मौजूदा दूरसंचार कंपनियां उपग्रह सेवाओं को सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में उन्होंने कहा, ‘‘ और जो उपग्रह कंपनियां शहरी क्षेत्रों में आकर खुदरा ग्राहकों को सेवा देने की महत्वाकांक्षा रखती हैं, उन्हें भी बाकी लोगों की तरह दूरसंचार लाइसेंस के लिए भुगतान करना होगा। उन पर भी समान शर्ते लागू होंगी।’’
मित्तल ने कहा, ‘‘ उन्हें दूरसंचार कंपनियों की तरह स्पेक्ट्रम खरीदने की जरूरत है, उन्हें दूरसंचार कंपनियों की तरह लाइसेंस के लिए भुगतान करना होगा और साथ ही दूरसंचार कंपनियों के नेटवर्क को सुरक्षित करना होगा।’’
इससे पहले अंबानी की रिलायंस जियो ने पिछले सप्ताह दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर दूरसंचार नियामक ट्राई की इस सिफारिश का विरोध किया था कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड को नीलाम न करके, आवंटित किया जाए।
एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेजन के प्रोजेक्ट कुइपर जैसी वैश्विक कंपनियां प्रशासनिक आवंटन का समर्थन करती हैं।
भाषा निहारिका मनीषा
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