चीनी उद्योग में जीडीपी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर तीन प्रतिशत करने की क्षमता: गडकरी

चीनी उद्योग में जीडीपी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर तीन प्रतिशत करने की क्षमता: गडकरी

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  • Publish Date - January 30, 2025 / 02:58 PM IST,
    Updated On - January 30, 2025 / 02:58 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीनी उद्योग में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर तीन प्रतिशत करने की क्षमता है। फिलहाल जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 1.0 से 1.15 प्रतिशत है।

उन्होंने गन्ने का प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाने की जरूरत भी बतायी।

भारतीय कृषि क्षेत्र लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी को आजीविका प्रदान करता है और मौजूदा कीमतों पर देश की जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 18.2 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय चीनी उद्योग देश की जीडीपी में तीन प्रतिशत योगदान देने की क्षमता रखता है।’’

गडकरी ने कहा कि सरकार ने देश में वैकल्पिक ईंधन के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत कुछ किया है। सरकार अब एथनॉल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए सी श्रेणी के शीरे से प्राप्त एथनॉल की कीमत (एक्स-मिल) 1.69 रुपये बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर करने को मंजूरी दी। जबकि अन्य कच्चे माल के लिए दरों को अपरिवर्तित रखा।

चीनी उद्योग के उप-उत्पादों से एथनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह मूल्यवृद्धि ऐसे समय में की गई है, जब देश 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहा है।

मंत्री ने कहा कि चीनी के निर्यात को नियंत्रित करने की सरकार की नीति फायदेमंद और नुकसानदायक दोनों है, ऐसे में चीनी उद्योग को नए नजरिये से फिर से देखने की जरूरत है।

बेबाक टिप्पणी के लिए जाने जाने वाले गडकरी ने कहा, ‘‘देश में सत्ता में कोई भी पार्टी हो, भारतीय नीति निर्माताओं की मानसिकता शहरी केंद्रित है। वे केवल चार उत्पादों… चीनी, तेल, गेहूं और चावल… में मुद्रास्फीति के बारे में चिंतित हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ फसलों की हमारी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) दरें बाजार मूल्य से अधिक हैं, फिर भी हम अपनी फसल का प्रतिरूप नहीं बदल रहे हैं।’’

गडकरी ने कहा कि भारतीय कृषि और चीनी उद्योग के विविधीकरण के अच्छे परिणाम सामने आए हैं।

उन्होंने भारतीय उद्योग में ड्रोन और नई तकनीक के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।

भाषा रमण अजय

अजय