(मनोज राममोहन)
नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के प्रमुख अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि नियामक देश के दवा उद्योग में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के उपायों की पहचान कर रहा है, जिसके एक महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि इस कवायद से किफायती दवा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी, जो लोगों की पहुंच में होगी।
सीसीआई अनुचित बाजार व्यवहार पर नजर रखता है और सभी क्षेत्रों में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है और उसने ‘‘प्रभावी उपभोक्ता विकल्प’’ की कमी जैसे मुद्दों के मद्देनजर दवा क्षेत्र का अध्ययन शुरू किया।
गुप्ता ने कहा कि प्रतिस्पर्धा आयोग देश के दवा क्षेत्र पर अपना अध्ययन पूरा करने के करीब है और इसके एक महीने के भीतर समाप्त होने की उम्मीद है।
सीसीआई के चेयरपर्सन ने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया, ‘‘इस समय ऐसा लगता है कि दवाओं के मामले में प्रतिस्पर्धा मुख्य रूप से ब्रांडों के आधार पर होती है, न कि कीमतों पर। अध्ययन किफायती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के उपायों की पहचान करेगा।’’
उन्होंने कहा कि अध्ययन के नतीजों का विश्लेषण करने के बाद सीसीआई इस क्षेत्र में विभिन्न पहलुओं पर ऐसे उपाय करने की योजना बना रहा है, जो बाजार की स्थिति में सुधार कर सकते हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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