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अहमदाबाद, 28 जनवरी (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने मंगलवार को कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) के चैटजीपीटी जैसे मंच इंसान की आलोचनात्मक सोच का विकल्प नहीं हैं और देश लोगों की बुद्धिमत्ता के जरिये ही प्रगति करेगा।
अंबानी ने पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय (पीडीईयू) के 12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत इस सदी के अंत से पहले दुनिया का ‘सबसे समृद्ध राष्ट्र’ बन जाएगा, लेकिन वृद्धि से पृथ्वी को खतरा नहीं होना चाहिए और जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा की तरफ बदलाव की रफ्तार तेज की जानी चाहिए।
पीडीईयू के अध्यक्ष अंबानी ने स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों से कहा, ‘‘एआई के संदर्भ में युवा छात्रों को मैं एक सलाह देना चाहता हूं। आपको सीखने के साधन के रूप में एआई के इस्तेमाल में कुशल होना चाहिए, लेकिन अपनी आलोचनात्मक सोच को न छोड़ें। आपको चैटजीपीटी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए, लेकिन हमेशा याद रखें कि हम केवल अपनी बुद्धिमत्ता से ही प्रगति कर सकते हैं, न कि एआई के जरिये।’’
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा और दुनिया की कोई भी ताकत भारत की वृद्धि नहीं रोक सकती है।
इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की जरूरत पर बल देते हुए कहा, ‘‘मैं साफ तौर पर देख सकता हूं कि इस सदी के अंत से पहले भारत दुनिया का सबसे समृद्ध राष्ट्र बन जाएगा। लेकिन अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत पर भी बड़ी जिम्मेदारी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें आर्थिक वृद्धि को पृथ्वी को खतरे में डालने और जलवायु संकट को और बिगाड़ने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। इसलिए जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ और हरित ऊर्जा की तरफ बदलाव को तेज करना होगा।’’
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन ने कहा कि हरित ऊर्जा, हरित सामग्री और एआई का मेल मानवता के भविष्य को आकार देने जा रहा है और वह चाहेंगे कि पीडीईयू इस तालमेल में अग्रणी स्थान हासिल करे।
दीक्षांत समारोह में कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक और निदेशक उदय कोटक मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। कोटक ने अपने संबोधन में छात्रों से पैसे के बजाय उत्कृष्टता हासिल करने का आग्रह किया।
कोटक ने कहा, ‘‘आप जीवन में जो भी करें, गुणवत्ता और उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित रखें। क्योंकि अगर हम दोनों को हासिल कर लेते हैं, तो वित्तीय नतीजे सहित हर चीज का परिणाम अपने-आप आएगा। पैसे के पीछे मत भागो, उत्कृष्ट बनने की कोशिश करो।’’
उन्होंने पीडीईयू से वित्त से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अब प्रौद्योगिकी और वित्त के क्षेत्र आपस में गहराई से जुड़ चुके हैं।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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