नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री की गुंजाइश कम हो गई है और आगे चलकर विनिवेश प्राप्तियों के लिए रणनीतिक विनिवेश ही प्रमुख तरीका होगा।
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में ठाकुर ने कहा कि सरकार ने तीन मार्च तक विनिवेश प्राप्तियों के रूप में 20,627 करोड़ रुपये प्राप्त किये हैं, जो वर्ष 2020-21 में संशोधित अनुमान (आरई) का लगभग 64 प्रतिशत भाग है।
केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) में सरकार की हिस्सेदारी का विनिवेश व्यापक तौर पर बाजार की धारणा, निवेशक के हित और इन कंपनियों के शेयरों के बाजार मूल्यांकन पर काफी हद तक निर्भर करता है।
ठाकुर ने कहा, ‘‘समय के साथ, अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री की संभावना में कमी आई है और विनिवेश प्राप्तियों के लिए रणनीतिक विनिवेश और निजीकरण प्राथमिक तरीका होगा।’’
सरकार ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल), नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल), एनएमडीसी की नगरनार इकाई, फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड, और सेल की इकाइयों – मिश्र धातु इस्पात संयंत्र, दुर्गापुर; विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील प्लांट और सेलम स्टील प्लांट के रणनीतिक विनिवेश करने का फैसला किया है।
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