आतंकवाद के वित्तपोषण मामलों में सुनवाई प्रक्रिया दुरुस्त करने को उठाये जा रहे कदम: अधिकारी

आतंकवाद के वित्तपोषण मामलों में सुनवाई प्रक्रिया दुरुस्त करने को उठाये जा रहे कदम: अधिकारी

  •  
  • Publish Date - September 19, 2024 / 05:55 PM IST,
    Updated On - September 19, 2024 / 05:55 PM IST

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में सुनवाई प्रक्रिया को दुरुस्त करने की जरूरत को समझता है और इसमें सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (राजस्व) विवेक अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक अपराध पर नजर रखने वाली संस्था एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्यबल) ने विभिन्न मापदंडों पर भारत को उच्च रेटिंग दी है। इन मापदंडों में वित्तीय खुफिया जानकारी, धनशोधन रोधक उपाय और आतंकवाद के वित्तपोषण जोखिमों के साथ-साथ लाभकारी स्वामित्व का खुलासा शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि एफएटीएफ की सिफारिशों में आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में तेजी से सुनवाई महत्वपूर्ण है। बाकी सिफारिशें सहायक प्रकृति की हैं।

एफएटीएफ ने बृहस्पतिवार को आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने पर भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने धनशोधन रोधक उपायों और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए एक प्रभावी प्रणाली लागू की है। लेकिन इन दोनों मामलों में अभियोजन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बड़े सुधार की जरूरत है।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमने ‘डिस्टिंक्शन’ के साथ परीक्षा पास की है। चूंकि भारत एफएटीएफ के अनुसार नियमित तौर पर काम कर रहा है, अत: देश तीन साल के बाद जोखिम आकलन की रिपोर्ट दे सकता है।’’

अग्रवाल ने कहा, ‘‘लेकिन हमपर कोई बाध्यता नहीं है।’’

वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने गैर-लाभकारी संगठनों (एनपीओ) द्वारा आतंकवाद के वित्तपोषण की आशंका पर कहा कि एफएटीएफ के अनुसार इस तरह के वित्तपोषण को रोकने के लिए कदम उठाये जाने चाहिए।

अग्रवाल ने कहा कि आयकर विभाग ने ‘जोखिम’ वाले गैर-लाभकारी संगठनों की पहचान करने के लिए विभिन्न आंकड़ों का उपयोग किया है। इन संगठनों को संवेदनशील बनाने के लिए उनके साथ मिलकर काम किया जा रहा है ताकि उन्हें आतंकवाद के वित्तपोषण के माध्यम के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की किसी भी मानदंड पर (एफएटीएफ से) कोई कम रेटिंग नहीं मिली है… यह या तो उच्च रेटिंग है या मध्यम रेटिंग है।’’

भाषा रमण अजय

अजय अनुराग

अनुराग