इंदौर (मध्यप्रदेश), 10 जून (भाषा) प्रसंस्करणकर्ताओं के एक संगठन ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा खरीफ सत्र के दौरान देश में सोयाबीन का रकबा सात फीसद बढ़कर 128 लाख हेक्टेयर के आस-पास रह सकता है, बशर्ते दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की बारिश का वितरण सामान्य रहे।
इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अगर मॉनसून की बारिश का वितरण सामान्य रहता है, तो हमें लगता है कि इस बार देश में सोयाबीन के रकबे में करीब सात फीसद का इजाफा होगा।’’
उन्होंने सोपा के अनुमान के हवाले से बताया कि वर्ष 2021 के पिछले खरीफ सत्र के दौरान देश में करीब 120 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया था।
पाठक ने कहा, ‘‘किसानों को पिछले सत्र की सोयाबीन फसल के अच्छे दाम मिले हैं। ऐसे में हमें उम्मीद है कि खासकर मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के किसान खरीफ की अन्य फसलों के मुकाबले सोयाबीन की खेती को तरजीह देंगे।’’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पिछले साल के 3,950 रुपये से बढ़ाकर 4,300 रुपये प्रति क्विंटल किया है।
अकेले मध्यप्रदेश में देश का आधे से ज्यादा सोयाबीन पैदा होता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों का अनुमान है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 15 से 20 जून के बीच राज्य में दस्तक देगा और इस साल प्रदेश में सामान्य से अधिक मॉनसूनी बारिश होगी।
भाषा हर्ष
अर्पणा रमण
रमण