भारतीय पर्यटकों के लिए सीधी उड़ान सेवाएं शुरू करने की कोशिश में जुटा दक्षिण अफ्रीका

भारतीय पर्यटकों के लिए सीधी उड़ान सेवाएं शुरू करने की कोशिश में जुटा दक्षिण अफ्रीका

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  • Publish Date - December 3, 2024 / 05:43 PM IST,
    Updated On - December 3, 2024 / 05:43 PM IST

मुंबई, तीन दिसंबर (भाषा) भारतीय पर्यटकों को लुभाने के लिए दक्षिण अफ्रीका सीधी उड़ान सेवाएं शुरू करने के लिए सरकार के साथ तीन विमानन कंपनियों के साथ भी बातचीत कर रहा है।

दक्षिण अफ्रीका की पर्यटन मंत्री पेट्रीसिया डी लिली ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में यह जानकारी दी।

लिली ने फोन पर हुई बातचीत में कहा, ‘‘हम दक्षिण अफ्रीका को भारतीय पर्यटकों के लिए एक पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने और किसी भी मुद्दे को सुलझाने के लिए तत्पर हैं।’’

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच सीधी उड़ानों के मुद्दे पर कहा कि वह तीन भारतीय विमानन कंपनियों-एयर इंडिया, इंडिगो और स्पाइसजेट से बात करेंगी और उन्हें दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों के लाभों से अवगत कराएंगी।

अभी भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच किसी अन्य गंतव्यों से होते हुए उड़ानों का संचालन एमिरेट्स, केन्या एयरवेज, एयर मॉरीशस, इथियोपियन एयरलाइंस, एतिहाद एयरवेज, एयर सेशेल्स, रवांडाएयर और कतर एयरवेज करती हैं।

लिली द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए इस समय नयी दिल्ली और मुंबई की यात्रा पर आई हुई हैं।

उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका इन भारतीय विमानन कंपनियों को न केवल पर्यटकों के दृष्टिकोण से बल्कि इन सीधी उड़ानों से व्यापार तथा व्यवसाय के दृष्टिकोण से भी लाभ पहुंचाएगा।

वीजा के बारे में उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने भारतीय यात्रियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वीजा सुविधा के साथ लंबी प्रक्रिया के मुद्दे को भी हल कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ ई-वीजा के साथ अब भारतीय यात्रियों के लिए दक्षिण अफ्रीका आना बहुत आसान हो गया है।’’

लिली ने भारत को दक्षिण अफ्रीका के लिए शीर्ष पर्यटक बाजारों में से बताते हुए उम्मीद जताई कि इस साल के अंत तक आंकड़ा कोविड-19 वैश्विक महामारी के पहले से स्तर के करीब पहुंच जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘2019 में हमने 95,000 भारतीय यात्रियों का स्वागत किया था लेकिन 2023 में यह संख्या घटकर 79,000 रह गई। इस साल सितंबर तक 59,000 भारतीय दक्षिण अफ्रीका की यात्रा कर चुके हैं और हमें उम्मीद है कि साल के अंत तक हम महामारी-पूर्व के स्तर के करीब पहुंच जाएंगे।’’

भाषा निहारिका प्रेम

प्रेम