मुंबई, 17 दिसंबर (भाषा) जापानी कंपनी सोनी दुनिया के सबसे अहम मीडिया और मनोरंजन बाजारों में शामिल भारत में आकर्षक सामग्री बनाने के लिए अपना आक्रामक निवेश जारी रखेगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (एसपीएनआई) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गौरव बनर्जी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी को जियो हॉटस्टार के साथ प्रतिस्पर्धा की चिंता नहीं है, बल्कि वह ‘भारत का मनोरंजन करने के सर्वोत्तम तरीकों का पता लगाने के लिए मिलकर काम करने’ पर विचार कर रही है।
एसपीएनआई जापानी समूह सोनी ग्रुप कॉरपोरेशन का एक हिस्सा है जिसने सितंबर, 2021 में ज़ी एंटरटेनमेंट के साथ विलय और 1.57 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी। हालांकि, बाद में यह सौदा निरस्त हो गया था।
ज़ी समूह के साथ विलय की कोशिश नाकाम होने के बावजूद सोनी पिक्चर्स भारतीय बाजार में आगे बढ़ने के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाश करने के लिए तैयार है। हालांकि, अभी इसका ध्यान मौजूदा व्यवसाय को बढ़ाने और मजबूत करने पर ही है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘यह (भारत) वैश्विक स्तर पर सोनी के लिए सबसे महत्वपूर्ण बाजारों में से एक है और इसकी वजह सरल है। यह दुनिया में जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा देश है और यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था भी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें युवा आबादी का अविश्वसनीय हिस्सा है, और इसलिए सभी मापदंड दीर्घकालिक विकास के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं। मुझे लगता है कि ये सभी चीजें इसे सोनी के लिए वास्तव में रोमांचक बनाती हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या सोनी की भारत में 1.5 अरब डॉलर से अधिक निवेश की प्रतिबद्धता अब भी बरकरार है, बनर्जी ने कोई आंकड़ा न देते हुए कहा कि दीर्घकालिक निवेश और कारोबार को बढ़ाने की प्रतिबद्धता कायम है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सामग्री के लिए आक्रामक तरीके से निवेश करना जारी रखेंगे। हम चाहेंगे कि यह एक कंपनी के रूप में हमारा सबसे महत्वपूर्ण निवेश हो।’’
रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी कंपनी की मीडिया इकाइयों के विलय से उत्पन्न प्रतिस्पर्धा के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हमारा कारोबार प्रतिस्पर्धा से ज्यादा उत्कृष्टता पर आधारित है।’’
उन्होंने कहा कि रिलायंस की वायकॉम 18 मीडिया के स्टार इंडिया के साथ विलय के बाद गठित संयुक्त उद्यम निश्चित रूप से ‘शानदार सामग्री’ लेकर आएगा और एसपीएनआई भी ऐसा ही करने का प्रयास करेगी।
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प्रेम अजय
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