सुस्त मांग से चालू वित्त वर्ष में तैयार परिधान की राजस्व वृद्धि में कमी आएगी: क्रिसिल

सुस्त मांग से चालू वित्त वर्ष में तैयार परिधान की राजस्व वृद्धि में कमी आएगी: क्रिसिल

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  • Publish Date - October 23, 2024 / 06:32 PM IST,
    Updated On - October 23, 2024 / 06:32 PM IST

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) भारत के तैयार परिधान (रेडीमेड गारमेंट्स) उद्योग की राजस्व वृद्धि पिछले वित्त वर्ष के छह प्रतिशत से थोड़ा घटकर चालू वित्त वर्ष में चार से छह प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है। क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।

इसमें कहा गया है कि यात्रा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और अन्य सेवाओं जैसे वैकल्पिक रास्तों की ओर उपभोक्ता खर्च में बदलाव से तैयार परिधान (आरएमजी) की मांग प्रभावित होने की संभावना है।

रेटिंग एजेंसी की रेटिंग में शामिल 140 से अधिक आरएमजी निर्माताओं जिनका कुल राजस्व लगभग 43,000 करोड़ रुपये है, के विश्लेषण से यह भी संकेत मिलता है कि चालू वित्त वर्ष में निर्यात राजस्व में 5-7 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ के खुदरा विक्रेता ‘भंडारण’ की भरपाई कर रहे हैं। हालांकि, कपास की कम कीमतों की उम्मीदों के बीच प्राप्तियां स्थिर रह सकती हैं।

आरएमजी उद्योग के राजस्व में निर्यात का हिस्सा एक-चौथाई है।

पिछले वित्त वर्ष में कुल राजस्व वृद्धि, घरेलू राजस्व में 10 प्रतिशत की वृद्धि से प्रेरित थी, जबकि निर्यात राजस्व में सात प्रतिशत की गिरावट आई थी।

क्रिसिल ने बताया कि इस वित्त वर्ष में निर्यात में उछाल और घरेलू परिधान मांग में वृद्धि नरम रहने के साथ इसके उलट होने की उम्मीद है।

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक गौतम शाही ने कहा, ‘‘पिछले वित्त वर्ष में खुदरा विक्रेताओं द्वारा अधिक स्टॉक रखने के प्रभाव ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आरएमजी निर्माताओं की राजस्व वृद्धि को प्रभावित किया है। हालांकि, दूसरी छमाही में त्योहारी मौसम और अधिक संख्या में शादियों से इसमें तेजी आने की उम्मीद है।’’

उल्लेखनीय रूप से बांग्लादेश में हाल ही में हुई राजनीतिक उथल-पुथल का भारतीय आरएमजी निर्यातकों पर अस्थायी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय