नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) सिंगापुर एयरलाइंस नवंबर में विस्तारा के विलय के बाद टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया में 3,194.5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी।
इस विलय समझौते की घोषणा 29 नवंबर, 2022 को की गई थी और यह 11 नवंबर, 2024 को पूरा होने जा रहा है। इस विलय की वजह से सिंगापुर एयरलाइंस के पास विस्तारित एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी हो जाएगी।
विस्तारा ने नौ जनवरी, 2015 को उड़ानों का परिचालन शुरू किया था। टाटा समूह के साथ स्थापित इस संयुक्त उद्यम में सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) समूह ने शुक्रवार को कहा कि विलय के लिए उसके विचार में विस्तारा में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी और विस्तारित एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के बदले में 2,058 करोड़ रुपये नकद शामिल हैं।
विलय पूरो होने के बाद एसआईए को लगभग 1.1 अरब सिंगापुर डॉलर के गैर-नकद लेखांकन लाभ को मान्यता देने और एयर इंडिया के वित्तीय परिणामों में अपने हिस्से के लिए इक्विटी लेखांकन शुरू करने की उम्मीद है।
शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, विलय में एसआईए के लिए एक समझौता शामिल है, जो विलय के पूरा होने से पहले टाटा द्वारा पहले प्रदान की गई किसी भी फंडिंग में अपना हिस्सा देने के लिए है। इसके साथ ही 5,020 करोड़ रुपये तक की फंडिंग लागत भी है जो इसे एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रखने की अनुमति देगी।
टाटा द्वारा एयर इंडिया को अब तक दिए गए वित्तपोषण के आधार पर ‘एसआईए का अतिरिक्त पूंजी निवेश 3,194.5 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। यह विलय के पूरा होने के बाद और नवंबर 2024 के भीतर नए एयर इंडिया शेयरों की सदस्यता के माध्यम से होगा।
सितंबर 2024 को समाप्त छह महीनों के लिए एयरलाइन के वित्तीय प्रदर्शन की घोषणा करते हुए जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘भविष्य में पूंजी निवेश एयर इंडिया की जरूरतों और उपलब्ध वित्तपोषण विकल्पों के आधार पर विचार किया जाएगा।’
एयर इंडिया के साथ विस्तारा का विलय तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन क्षेत्र में एक प्रमुख एकीकरण को रेखांकित करेगा।
एसआईए ने कहा कि विलय के बाद घरेलू, अंतरराष्ट्रीय, पूर्ण-सेवा और कम लागत वाले परिचालन सहित सभी प्रमुख भारतीय हवाई यात्रा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपस्थिति होगी।
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