नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) भारत की शीर्ष 100 कंपनियों के निदेशक मंडल (बोर्ड) में महिलाओं का प्रतिनिधित्व पिछले चार साल में काफी बेहतर हुआ है। सोमवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई।
इसके मुताबिक, मार्च, 2024 तक केवल पांच कंपनियों में महिला स्वतंत्र निदेशक की कमी है।
एक्सिलेंस इनेबलर्स का 5वां वार्षिक कॉरपोरेट प्रशासन सर्वेक्षण निफ्टी-100 कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट और वेबसाइट पर दी गई जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, 31 मार्च, 2024 तक चार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) सहित पांच कंपनियों के बोर्ड में एक भी महिला स्वतंत्र निदेशक नहीं थीं।
सर्वेक्षण में पता चला कि वित्त वर्ष 2020-21 तक यह स्थिति 21 कंपनियों में थी। यह महिलाओं के प्रतिनिधित्व में सुधार को दर्शाता है।
इसमें यह भी कहा गया कि लगातार खामियां सख्त प्रवर्तन की जरूरत को उजागर करती हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार, कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 149 और सेबी के एलओडीआर विनियमों के तहत बोर्ड में कम से कम एक महिला स्वतंत्र निदेशक (आईडी) का होना अनिवार्य है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है कि महिला अधिकारियों को बोर्ड पदों पर पदोन्नत किया जाए।
शीर्ष नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है, लेकिन सुधार के संकेत दिख रहे हैं। महिला प्रबंध निदेशकों (एमडी) वाली कंपनियों की संख्या वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में दो से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 में पांच हो गई।
इसके अलावा, चेयरपर्सन के रूप में महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी बढ़ा है, और यह संख्या वित्त वर्ष 2023-24 में पांच थी।
भाषा पाण्डेय अजय
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