मुंबई, 27 मार्च (भाषा) स्थानीय शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को तेजी लौटी और बीएसई सेंसेक्स 318 अंक के लाभ में रहा। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार लिवाली और रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलएंडटी तथा बजाज फाइनेंस जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में खरीदारी से तेजी को समर्थन मिला।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क को लेकर अनिश्चितताओं के बीच वाहन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली और औषधि कंपनियों के शेयरों में नरम रुख से शेयर बाजारों में तेजी सीमित रही।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 317.93 अंक यानी 0.41 प्रतिशत चढ़कर 77,606.43 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 458.96 अंक तक चढ़ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 105.10 अंक यानी 0.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,591.95 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, लार्सन एंड टुब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड, जोमैटो, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और टाइटन सबसे ज्यादा लाभ में रहीं।
आयातित कारों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के बाद टाटा मोटर्स में 5.5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।
इसके अलावा सन फार्मा, कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक और महिंद्रा एंड महिंद्रा भी नुकसान में रहे।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘विदेशी संस्थागत निवेशकों के लगातार पूंजी प्रवाह और प्रमुख कंपनियों के शेयरों की खरीद के कारण बाजार बढ़त में रहा। हालांकि, ट्रंप के वाहन आयात पर लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क ने वाहन कंपनियों के शेयरों को प्रभावित किया है। साथ ही दवा कंपनियों के भीतर चिंताएं बढ़ा दी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन चुनौतियों के बावजूद, बाजार ने मजबूती दिखाई। इसे वित्त वर्ष 2025-26 में दहाई अंक में कंपनियों की आय वृद्धि की उम्मीदों से समर्थन मिला…।’’
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 2,240.55 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.90 प्रतिशत चढ़ा, जबकि मझोली कंपनियों से संबंधित मिडकैप में 0.46 प्रतिशत की तेजी रही।
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहे जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की नुकसान में रहे।
दोपहर के कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजारों में बुधवार को गिरावट रही थी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘एफआईआई के रुख में बदलाव, बैंक और वित्तीय क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में मजबूती और अन्य दिग्गज कंपनियों से बारी-बारी समर्थन के कारण सकारात्मक धारणा बनी हुई है। हालांकि, अमेरिकी शुल्क से जुड़ी खबरों से अस्थिरता भी बनी हुई है।’’
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73.62 डॉलर प्रति बैरल रहा।
बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 728.69 अंक टूटा था जबकि एनएसई निफ्टी में 181.80 अंक की गिरावट आई थी।
भाषा रमण अजय
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