इस्पात में हाइड्रोजन के इस्तेमाल से जुड़ी प्रायोगिक परियोजनाओं के लिए कंपनियों का चयन

इस्पात में हाइड्रोजन के इस्तेमाल से जुड़ी प्रायोगिक परियोजनाओं के लिए कंपनियों का चयन

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  • Publish Date - October 18, 2024 / 05:35 PM IST,
    Updated On - October 18, 2024 / 05:35 PM IST

नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने इस्पात उत्पादन में हाइड्रोजन के इस्तेमाल के लिए सेल और कंपनियों के दो समूह का चयन किया है। इसके लिए तीन प्रायोगिक परियोजनाओं की मंजूरी दी गयी है। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बयान में कहा कि प्रायोगिक (पायलट) परियोजनाओं के लिए सरकार 347 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। इनके अगले तीन वर्षों में चालू होने की संभावना है।

इससे पहले, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने इस्पात क्षेत्र में प्रायोगिक परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे और इच्छुक पक्षों से भागीदारी के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत केंद्र सरकार ने इस्पात उत्पादन में हाइड्रोजन के उपयोग के लिए तीन प्रायोगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है।’’

जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर और मेटसोल एबी (स्वीडन) का समूह मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स लिमिटेड है। उसे 50 टन प्रतिदिन (टीपीडी) क्षमता के पायलट संयंत्र के लिए चुना गया है।

वहीं 40 टन प्रतिदिन प्रायोगिक परियोजना के लिए एक और समूह सिम्पलेक्स कास्टिंग्स को चुना गया है। इसके सदस्यों में बीएसबीके प्राइवेट लिमिटेड, टेन एट इन्वेस्टमेंट और आईआईटी भिलाई शामिल हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (रांची) को भी 3,200 टन प्रतिदिन की प्रायोगिक परियोजना के लिए चुना गया है।

भाषा निहारिका रमण

रमण

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