नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) सेबी ने शुक्रवार को ‘को-लोकेशन’ सुविधा के मामले में एनएसई और उसके सात पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ विनियामक उल्लंघन के आरोपों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में खारिज कर दिया।
इन पूर्व कर्मचारियों में चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण शामिल हैं।
सेबी ने अपने 83 पेज के आदेश में कहा कि इस मामले में रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री, सबूत या वस्तुनिष्ठ तथ्यों के अभाव के चलते ओपीजी और उसके निदेशकों तथा नोटिस प्राप्त करने वालों (एनएसई और उसके सात कर्मचारी) के बीच मिलीभगत या सांठगांठ साबित नहीं हो सका।
सेबी ने एनएसई, रामकृष्ण और नारायण के अलावा आनंद सुब्रमण्यन, रवींद्र आप्टे, उमेश जैन, महेश सोपारकर और देवीप्रसाद सिंह के खिलाफ आरोप रद्द कर दिए हैं।
यह मामला यह मामला एनएसई परिसर में कारोबारियों को सर्वर लगाने की सुविधा (को-लोकेशन) मामले में ‘हाई फ्रीक्वेंसी’ कारोबार में कुछ इकाइयों को कथित रूप से आंकड़ा प्राप्त होने में तरजीह से जुड़ा है। ऐसे में वे बाकी ब्रोकर से पहले ऑर्डर दे सकते थे।
भाषा पाण्डेय रमण
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