सेबी ने बुनियादी डीमैट खाते की निवेश सीमा 10 लाख रुपये तक बढ़ाई

सेबी ने बुनियादी डीमैट खाते की निवेश सीमा 10 लाख रुपये तक बढ़ाई

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  • Publish Date - June 28, 2024 / 09:46 PM IST,
    Updated On - June 28, 2024 / 09:46 PM IST

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) प्रतिभूति बाजार में छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को बुनियादी सेवा वाले डीमैट खाते की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि नए दिशानिर्देश एक सितंबर से लागू होंगे।

बुनियादी सेवा वाले डीमैट खाते (बीएसडीए) में रखी गई प्रतिभूतियों के मूल्य की सीमा बढ़ाने से छोटे निवेशक शेयर बाजार में कारोबार के लिए प्रोत्साहित होंगे और उनका वित्तीय समावेशन सुनिश्चित होगा।

बीएसडीए नियमित डीमैट खाते का अधिक बुनियादी संस्करण होता है। छोटे पोर्टफोलियो वाले निवेशकों पर डीमैट शुल्क का बोझ कम करने के लिए बाजार नियामक सेबी ने 2012 में बीएसडीए सुविधा शुरू की थी।

सेबी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति एकमात्र या प्रथम धारक के रूप में केवल एक डीमैट खाता रखता है, सभी डिपॉजिटरी में उसके नाम पर केवल एक खाता है और उस खाते में रखी प्रतिभूतियों का मूल्य किसी भी समय 10 लाख रुपये से अधिक नहीं है तो वह बीएसडीए खाता रखने के लिए पात्र है।

इस बदलाव से पहले बीएसडीए के लिए पात्र होने के लिए एक ही डीमैट खाते में दो लाख रुपये तक की ऋण प्रतिभूतियों और दो लाख रुपये तक की गैर-ऋण प्रतिभूतियों को रखने की अनुमति थी।

सेबी ने कहा कि चार लाख रुपये तक के पोर्टफोलियो मूल्य होने पर बीडीएसए के लिए कोई वार्षिक रखरखाव शुल्क नहीं लगेगा जबकि चार लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के पोर्टफोलियो मूल्य होने पर शुल्क 100 रुपये लगेगा।

हालांकि, पोर्टफोलियो मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक होने पर बीडीएसए को अपने-आप ही नियमित डीमैट खाते में परिवर्तित कर दिया जाना चाहिए।

नियामक ने कहा कि बीडीएसए खाताधारकों को इलेक्ट्रॉनिक विवरण मुफ्त में दिए जाएंगे। इसके साथ 25 रुपये देकर भौतिक खाता विवरण लिया जा सकता है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण