नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कहा कि ब्रोकर, निपटान सदस्यों और डिपॉजिटरी प्रतिभागियों के लिए मानकीकृत सूचना प्रारूप की उसकी पहल से अगले पांच वर्षों में 200 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होने की उम्मीद है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने साथ ही कहा कि इससे इन इकाइयों के लिए सूचना आवश्यकताओं में 90 प्रतिशत की कमी आएगी।
सेबी ने बयान में कहा कि यूनिफाइड डिस्टिल्ड फाइल फॉर्मेट (यूडीआईएफएफ) नामक इस नये मानकीकृत प्रारूप से लागत घटेगी और दक्षता और उत्पादकता बढ़ेगी।
कारोबारी सदस्यों, निपटान सदस्यों और डिपॉजिटरी प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार के लेनदेन करने के लिए हर दिन कई रिपोर्ट दाखिल करने की आवश्यकता होती है।
ऐसे में सेबी ने यह पहल की, जिससे कुल प्रारूप 200 से घटकर 23 हो गए हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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