नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कहा कि पंजीकृत मध्यस्थों को अनधिकृत सलाह देने या अस्वीकृत रिटर्न दावे करने में लगे किसी भी व्यक्ति के साथ लेनदेन करने या ग्राहक की जानकारी साझा करने की अनुमति नहीं है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ‘अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों’ (एफएक्यू) का ब्योरा जारी करते हुए यह स्पष्टीकरण दिया है।
सेबी ने कहा, ‘ग्राहक की जानकारी साझा करना ‘ग्राहक का नाम सुझाने’ जैसी प्रकृति का है। इसलिए ऐसे किसी भी व्यक्ति से या उसके साथ कोई भी भुगतान लेना-देना या किसी भी ग्राहक की जानकारी साझा करने की इन विनियमों के तहत यह एक प्रकार जुड़ाव होगा और इसकी अनुमति नहीं है।’
बाजार नियामक के मुताबिक, जुड़ाव शब्द में पैसे का कोई भी लेनदेन, ग्राहक का नाम सुझाना, जानकारी साझा करना या किसी भी समान प्रकार का संबंध शामिल है।
हालांकि सेबी ने कहा कि उसके द्वारा विनियमित व्यक्ति और उनके एजेंट ब्रांडिंग, विपणन या प्रचार गतिविधियों के लिए दूसरों के साथ जुड़ सकते हैं, बशर्ते दूसरा व्यक्ति अनधिकृत सलाह देना या अस्वीकृत रिटर्न का दावा करने जैसी निषिद्ध गतिविधियों में शामिल न हो।
नियामक ने पिछले साल 29 अगस्त को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (मध्यस्थ) विनियम, 2024 और संबंधित नियमों को अद्यतन किया था।
संशोधित नियमों के मुताबिक, शेयर बाजार, समाशोधन निगम और डिपॉजिटरी जैसी विनियमित इकाइयों के साथ उनके एजेंटों का ऐसे व्यक्तियों या संस्थाओं के साथ कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध नहीं होना चाहिए जो नियामक की मंजूरी के बगैर शेयरों से संबंधित सलाह या सिफारिशें प्रदान करते हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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