नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) मत्स्यपालन विभाग ने शुक्रवार को जीवित समुद्री शैवाल आयात करने के लिए नए दिशानिर्देशों की घोषणा की। इनका मकसद बढ़ते समुद्री शैवाल उद्योग में बीज की कमी को दूर करना और तटीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देना है।
नियामक ढांचे में सख्त रोधक प्रक्रियाएं और जैव सुरक्षा उपाय शामिल हैं, जिनके तहत आयातकों को राष्ट्रीय समिति से मंजूरी के बाद देश में उच्च गुणवत्ता वाले समुद्री शैवाल के आयात की अनुमति मिलेगी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”मंजूरी के बाद, विभाग चार सप्ताह के भीतर आयात परमिट जारी करेगा।”
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब भारत ने अपनी प्रमुख प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 2025 तक 11.2 लाख टन के महत्वाकांक्षी समुद्री शैवाल उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
देश इस समय पर्याप्त गुणवत्ता वाले बीज भंडार को सुरक्षित करने में चुनौतियों का सामना कर रहा है।
गौरतलब है कि सरकार ने तमिलनाडु में एक बहुउद्देशीय समुद्री शैवाल पार्क में 127.7 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
भाषा पाण्डेय रमण
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