न्यायालय ने 4.65 करोड़ रुपये के मांग नोटिस के खिलाफ सनफार्मा की याचिका खारिज की

न्यायालय ने 4.65 करोड़ रुपये के मांग नोटिस के खिलाफ सनफार्मा की याचिका खारिज की

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  • Publish Date - July 18, 2024 / 06:18 PM IST,
    Updated On - July 18, 2024 / 06:18 PM IST

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के मांग नोटिस के खिलाफ दवा कंपनी सनफार्मा की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में एंटी-बैक्टीरियल संक्रमण की दवा रोसिलॉक्स के लिए कंपनी की ओर से वसूली गई अधिक राशि की बरामदगी के लिए प्राधिकरण से मिले 4.65 करोड़ रुपये के मांग नोटिस को चुनौती दी गयी थी।

सन फार्मा के खिलाफ एनपीपीए का मांग नोटिस 2005 का था। कंपनी को औषधि रोसिलॉक्स को लेकर अप्रैल, 1996 से जुलाई, 2003 की अवधि के लिए 2,15,62,077 रुपये की अधिक वसूली गई मूल राशि और इस पर पर ब्याज (2,49,46,256 रुपये) जमा करने का निर्देश दिया गया था। रोसिलॉक्स, क्लॉक्सासिलिन-आधारित रसायन का ब्रांड है।

वसूली गई राशि औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 1995 (डीपीसीओ) के प्रावधानों के तहत निर्धारित राशि से अधिक थी।

दवा कंपनी ने एनपीपीए की मांग के अनुरूप पहले ही 1.25 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है।

न्यायाधीश संजय कुमार और न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के छह अगस्त, 2014 के आदेश को बरकरार रखा है। आदेश में दवा कंपनी का दावा खारिज कर दिया गया था।

न्यायालय ने आदेश दिया, “ हमें अपीलकर्ता के दावे को खारिज करने में उच्च न्यायालय की कोई गलती नहीं लगती। अपील में कोई दम नहीं है और इसलिए इसे खारिज किया जाता है। 10 नवंबर, 2014 का यथास्थिति संबंधी आदेश निरस्त माना जाएगा।”

भाषा अनुराग रमण

रमण