एसबीआई का एक लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने वाला पहला वित्तीय संस्थान बनने का लक्ष्य

एसबीआई का एक लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने वाला पहला वित्तीय संस्थान बनने का लक्ष्य

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  • Publish Date - September 25, 2024 / 04:43 PM IST,
    Updated On - September 25, 2024 / 04:43 PM IST

(कुमार दीपांकर)

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का लक्ष्य अगले तीन से पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाने वाला देश का पहला वित्तीय संस्थान बनने का है। एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने यह बात कही है।

एसबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 में 21.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 61,077 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।

अगले तीन से पांच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने की संभावना के सवाल पर शेट्टी ने कहा, ‘‘ हमारे पास क्षमता है। निश्चित रूप से हम यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी बनना चाहेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि मुनाफा, बाजार पूंजीकरण आदि हमारे संगठन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व हैं, हम ग्राहकों पर भी समान जोर देते हैं और यह हमारे परिचालन का एक बुनियादी पहलू है।’’

कॉरपोरेट ऋण मांग के संबंध में शेट्टी ने कहा कि बैंक को पहले ही भारतीय उद्योग जगत से चार लाख करोड़ रुपये की मजबूत मांग मिल चुकी है और वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में निजी क्षेत्र द्वारा पूंजीगत व्यय में तेजी आने की उम्मीद है।

शेट्टी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ हम निजी पूंजीगत व्यय में अच्छी मांग देख रहे हैं। बुनियादी ढांचे के लिए वित्तपोषण… मुख्य रूप से सड़कों, नवीकरणीय ऊर्जा और कुछ रिफाइनरियों से आ रहा है।’’

सार्वजनिक व्यय की बात करें तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर रिकॉर्ड 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत है।

शेट्टी ने कहा कि कुछ कंपनियों ने पुरानी परियोजनाओं (ब्राउनफील्ड) का विस्तार शुरू किया है, जिसके लिए पूंजीगत व्यय का वित्तपोषण उनके अपने नकदी स्रोतों से किया गया है।

हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘ अब हम देखते हैं कि कुछ कंपनियां पुरानी परियोजनाओं के विस्तार के लिए भी कर्ज ले रही हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास मांग (पाइपलाइन) है, स्वीकृत लेकिन वितरित नहीं किए गए कर्ज के संदर्भ में तथा प्रस्तावों की मांग है जो प्रक्रियाधीन हैं। यह करीब चार लाख करोड़ रुपये के बराबर है, जो दर्शाता है कि उद्योग जगत की मांग मजबूत है।’’

शेट्टी ने इस बात पर जोर दिया कि इस वर्ष निजी पूंजीगत व्यय निश्चित रूप से बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि आम चुनाव के कारण पहली तिमाही में आई सुस्ती के बाद सरकारी खर्च में फिर से वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम देखते हैं कि दूसरी तिमाही के साथ-साथ चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भी पूंजीगत व्यय को सरकारी व्यय के साथ-साथ निजी व्यय से बढ़ावा मिलेगा।’’

भाषा निहारिका अजय

अजय