नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सैमसंग के तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में स्थित संयंत्र में श्रमिकों की हड़ताल और तेज हो रही है और इससे क्षेत्र में विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने सोमवार को कहा कि इस मामले में केंद्र और तमिलनाडु सरकार को तत्काल दखल देना चाहिए।
जीटीआरआई ने बयान में कहा, “यदि सैमसंग के श्रीपेरंबदूर संयंत्र में हड़ताल का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो भारत को वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति बनने के अपने प्रयास में महत्वपूर्ण जमीन खोने का खतरा है।”
इसमें कहा गया है कि हड़ताल तेजी से एक बड़ा संकट बनती जा रही है, और इससे राज्य की एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थिति को खतरा पैदा हो जाएगा।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, “अशांति बढ़ती जा रही है और इससे क्षेत्र के विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है, जिसमें फॉक्सकॉन, सनमीना और फ्लेक्स जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।”
उन्होंने कहा कि अशांति भारत की स्थिर विनिर्माण परिचालन को बनाए रखने की क्षमता पर संदेह पैदा कर रही है, जो निवेशकों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।
उन्होंने कहा, “भारत को औद्योगिक आसूचना इकाइयां स्थापित करनी चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि व्यवधान विदेशी इकाइयों से प्रभावित हैं या नहीं।”
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में तमिलनाडु का 34 प्रतिशत का योगदान है।
श्रीवास्तव ने कहा, “हड़ताल के समाधान में देरी से नौकरियां खत्म हो सकती हैं, विकास रुक सकता है और निवेशकों के भरोसे में भारी गिरावट आ सकती है। राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों को क्षेत्र के अन्य प्रमुख विनिर्माताओं तक अशांति फैलने से रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करने की आवश्यकता है।”
भाषा अनुराग अजय
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