मुंबई, 14 जनवरी (भाषा) अमेरिकी मुद्रा में गिरावट तथा कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अपने अब तक के सबसे निचले स्तर से उबरकर 21 पैसे मजबूत हुआ और 86.49 प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि भारतीय मुद्रा को मुद्रास्फीति के सकारात्मक आंकड़ों और घरेलू बाजारों में कुछ सुधार से समर्थन मिला, हालांकि विदेशी पूंजी की निकासी अब भी उस पर दबाव बनाती रही।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.57 प्रति डॉलर पर खुला। शुरुआती सौदों के बाद डॉलर के मुकाबले 86.49 पर पहुंच गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 21 पैसे की बढ़त दर्शाता है।
रुपये में एक सत्र में करीब दो साल की सबसे बड़ी गिरावट सोमवार को दर्ज की गई। वह 66 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.70 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था।
रुपया 30 दिसंबर को 85.52 के स्तर पर बंद होने के बाद से पिछले दो सप्ताह में एक रुपये से अधिक की बड़ी गिरावट देख चुका है। रुपया पहली बार 19 दिसंबर 2024 को 85 प्रति डॉलर के पार गया था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 109.41 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80.78 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,892.84 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा निहारिका
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