मुंबई, 29 जनवरी (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बुधवार को शुरुआती नुकसान से उबरकर अंत में दो पैसे की मामूली बढ़त के साथ 86.55 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि सकारात्मक घरेलू बाजारों से रुपये को समर्थन मिला, जबकि डॉलर के मजबूत रहने और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने इसकी बढ़त को सीमित कर दिया।
कारोबारियों के मुताबिक, फेडरल रिजर्व के नीतिगत ब्याज दर में कटौती नहीं करने की संभावना बढ़ने से डॉलर में तेजी आई। इसके साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुल्क लगाने की धमकियों ने भी वैश्विक जोखिम धारणा को प्रभावित किया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 86.58 पर कमजोर रुख के साथ खुला और कारोबार के दौरान 86.49 के उच्चतम स्तर और 86.61 के निचले स्तर तक गया।
कारोबार के अंत में रुपया सकारात्मक रुख के साथ 86.55 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से दो पैसे की मजबूती है।
मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 26 पैसे कमजोर होकर 86.57 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, “अमेरिकी डॉलर में मजबूती और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के कारण रुपये में नकारात्मक रुख के साथ कारोबार होने की आशंका है। आयातकों की मासांत की डॉलर मांग आने और अमेरिकी प्रशासन द्वारा शुल्क को लेकर अनिश्चितता के कारण रुपये पर और दबाव पड़ सकता है।”
चौधरी ने कहा, “हालांकि रिजर्व बैंक के किसी भी हस्तक्षेप से रुपये को सहारा मिल सकता है। फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं।”
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ 108.11 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.98 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76.73 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
बीएसई का सूचकांक सेंसेक्स 631.55 अंक की तेजी के साथ 76,532.96 अंक और एनएसई का सूचकांक निफ्टी 205.85 अंक चढ़कर 23,163.10 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने बुधवार को शुद्ध रूप से 2,586.43 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।
भाषा राजेश राजेश रमण
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