रुपया एक पैसे की बढ़त के साथ 84.84 प्रति डॉलर पर लगभग स्थिर |

रुपया एक पैसे की बढ़त के साथ 84.84 प्रति डॉलर पर लगभग स्थिर

रुपया एक पैसे की बढ़त के साथ 84.84 प्रति डॉलर पर लगभग स्थिर

Edited By :  
Modified Date: December 11, 2024 / 06:27 PM IST
,
Published Date: December 11, 2024 6:27 pm IST

मुंबई, 11 दिसंबर (भाषा) संजय मल्होत्रा ​​को भारतीय रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किए जाने के बाद केंद्रीय बैंक के मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव की बढ़ती उम्मीदों के बीच बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले महज एक पैसे की बढ़त के साथ 84.84 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। यह रुपये के सर्वकालिक निचले स्तर से कुछ ऊपर है।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि भारतीय रुपया दिन के कारोबार में 86.87 के नए सर्वकालिक निचले स्तर को छू गया, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक में नेतृत्व परिवर्तन से फरवरी की बैठक में नीतिगत दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी है।

अमेरिकी डॉलर में पहले के निचले स्तर से उछाल ने भी रुपये पर दबाव डाला। हालांकि, सकारात्मक घरेलू बाजार, एफआईआई निवेश प्रवाह और रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की खबरों ने दिन की शुरुआत में रुपये को समर्थन दिया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.87 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर खुला और दिन में कारोबार के दौरान यह सीमित दायरे में कारोबार के बाद सत्र के अंत में 84.84 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से सिर्फ एक पैसे की बढ़त है।

मंगलवार को रुपया मात्र एक पैसे की तेजी के साथ 84.85 प्रति डॉलर पर लगभग अपरिवर्तित रुख के साथ बंद हुआ था।

सरकार ने सोमवार को राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​को भारतीय रिजर्व बैंक का 26वां गवर्नर नियुक्त किया।

मल्होत्रा ​​ने ऐसे समय में पदभार संभाला है, जब भारतीय अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि दर और उच्च मुद्रास्फीति की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है।

मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए शक्तिकान्त दास ने लगभग दो साल तक रेपो दर को यथावत रखा है। लेकिन आने वाले गवर्नर को एक टीम खिलाड़ी माना जाता है, जो मानते हैं कि कीमतों को अकेले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रबंधित नहीं किया जा सकता है और इस कार्य के लिए सरकार की मदद की भी आवश्यकता है।

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि डॉलर में मजबूती और वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण रुपया नकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ कारोबार करेगा। हालांकि, सकारात्मक घरेलू शेयर बाजार और एफआईआई निवेश प्रवाह रुपये को निचले स्तर पर समर्थन दे सकते हैं।’’

चौधरी ने कहा कि रिजर्व बैंक के द्वारा आगे कोई भी हस्तक्षेप रुपये का समर्थन कर सकता है। अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं। मुद्रास्फीति पिछले महीने की तुलना में अधिक रहने की उम्मीद है। डॉलर-रुपया हाजिर मूल्य 84.65 से 85.10 के बीच कारोबार करने की उम्मीद है।

दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.25 प्रतिशत बढ़कर 106.66 पर कारोबार कर रहा था।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.93 प्रतिशत बढ़कर 72.86 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 16.09 अंक की बढ़त के साथ 81,526.14 अंक पर और एनएसई निफ्टी 31.75 अंक बढ़कर 24,641.80 अंक पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजारों में शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने मंगलवार को 1,285.96 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers