मुंबई, चार दिसंबर (भाषा) अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बीच रुपया बुधवार को सात पैसे टूटकर 84.75 प्रति डॉलर के अपने अब तक के निचले स्तर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख और विदेशी पूंजी निवेश बढ़ने से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिला।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.66 प्रति डॉलर पर खुला और दिन में 84.65 से 84.76 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार किया। अंत में यह अपने अब तक के निचले स्तर 84.75 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले सात पैसे की गिरावट को दर्शाता है।
रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.68 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि मजबूत डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के रुख से रुपये का आरंभिक लाभ जाता रही।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी श्रम विभाग के रोजगार के बारे में जानकारी देने वाले सर्वेक्षण में सकारात्मक आंकड़ों तथा चीन से कैक्सिन सर्विसेज क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के निराशाजनक आंकड़ों के कारण डॉलर मजबूत हुआ है। डॉलर-रुपये के हाजिर मूल्य के 84.50 से 85 रुपये के दायरे में रहने की उम्मीद है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 106.47 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.83 प्रतिशत चढ़कर 74.23 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 110.58 अंक चढ़कर 80,956.33 जबकि निफ्टी 10.30 अंक की बढ़त के साथ 24,467.45 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने बुधवार को 1,797.60 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण