मुंबई, 12 नवंबर (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को रुपया एक पैसा और टूटकर नए सर्वकालिक निचले स्तर 84.39 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर आ गया। विदेशी कोषों की सतत निकासी और प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि मध्यम अवधि में रुपया 83.80 और 84.50 के बीच कारोबार कर सकता है, तथा भारतीय रिजर्व बैंक अपने मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार के सहारे इसमें किसी भी महत्वपूर्ण गिरावट को सीमित रखने में सक्षम है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.39 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 84.39 के उच्चस्तर और 84.41 के निचले स्तर के बीच रहने के बाद अंत में एक पैसे की गिरावट के साथ 84.39 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ।
सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे की गिरावट के साथ 84.38 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
रुपया पिछले पांच कारोबारी सत्रों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 32 पैसे टूट चुका है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस एंव मुद्रा) जतीन त्रिवेदी ने कहा, “विदेशी कोषों द्वारा भारतीय बाजार में बिकवाली जारी रखने के कारण रुपया कमजोर हुआ। हालांकि, कच्चे तेल और सोने की कीमतों में गिरावट से रुपये को कुछ राहत मिली।’’
इसके बावजूद, डॉलर सूचकांक के 105 से ऊपर लगातार मजबूत बने रहने से रुपये पर दबाव बना रहने की आशंका है।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत की मजबूती के साथ 105.75 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.60 प्रतिशत बढ़कर 72.26 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 820.97 अंक की गिरावट के साथ 78,675.18 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 257.85.90 अंक गिरकर 23,883.45 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 2,306.88 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा अनुराग अजय
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