मुंबई, दो जनवरी (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों में जोरदार उछाल के बीच बृहस्पतिवार को आयातकों से डॉलर की मजबूत मांग आने और विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने से रुपया डॉलर के मुकाबले नौ पैसे गिरकर 85.73 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि 2024 में अधिकांश मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में तेजी रही थी और यह सिलसिला नए साल में भी जारी रहने की संभावना है। इसके अलावा विदेशी कोषों की लगातार निकासी भी कारोबारी धारणा को प्रभावित कर रही है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोरी के साथ खुला और कारोबार के दौरान 85.68 के ऊपरी स्तर तक गया और 85.79 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आया।
घरेलू शेयर बाजारों में तेजी के बीच रुपया कारोबार के अंत में 85.73 (अस्थायी) पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से नौ पैसे की गिरावट है।
बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.64 पर स्थिर रहा था जो इसका रिकॉर्ड निचला बंद भाव है। रुपये ने 27 दिसंबर को कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.80 के अबतक के सबसे निचले स्तर को छुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें आशंका है कि अमेरिकी डॉलर में मजबूती और आयातकों की तरफ से डॉलर मांग आने के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार निकासी से रुपये पर और दबाव पड़ सकता है।’’
चौधरी ने कहा, ‘‘हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक का किसी भी तरह का हस्तक्षेप रुपये को निचले स्तर पर सहारा दे सकता है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का हाजिर भाव 85.50 से 86 के बीच रहने की उम्मीद है।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत गिरावट के साथ 108.46 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.91 प्रतिशत बढ़कर 75.32 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को जोरदार तेजी रही। बीएसई सेंसेक्स 1,436.30 अंक उछलकर 79,943.71 अंक पर पहुंच गया जबकि निफ्टी 445.75 अंक बढ़कर 24,188.65 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को पूंजी बाजार में 1,782.71 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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