मुंबई, 30 जनवरी (भाषा) अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के बीच अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से बृहस्पतिवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया सात पैसे कमजोर होकर 86.62 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी तथा विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की व्यापक मजबूती के कारण रुपये पर दबाव जारी है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर रुख के साथ 86.58 पर खुला और सत्र के दौरान अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 86.56 के उच्चतम स्तर तक गया और 86.65 के निचले स्तर तक आया।
रुपया अंत में 86.62 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से सात पैसे की गिरावट है।
बुधवार को रुपया अपनी शुरुआती गिरावट से उबरकर सकारात्मक रुख के साथ दो पैसे बढ़कर 86.55 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 107.98 पर रहा।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, “अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के कारण डॉलर में तेजी आई। बुधवार को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक में फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को 4.25-4.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।”
उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को स्थिर रखा, लेकिन अपने दृष्टिकोण में वह आक्रामक रहा। दरें लंबी अवधि तक ऊंची रहेंगी, जिससे भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो गई है।
चौधरी ने कहा, “हमारा अनुमान है कि अमेरिकी डॉलर में मजबूती और एफआईआई की निकासी के दबाव के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। आयातकों की ओर से मासांत की डॉलर मांग भी रुपये पर दबाव डाल सकती है।”
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76.09 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 226.85 अंक की तेजी के साथ 76,759.81 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 86.40 अंक चढ़कर 23,249.50 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 4,582.95 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।
भाषा राजेश राजेश अजय
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