मुंबई, सात जनवरी (भाषा) कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और विदेशी कोषों की निकासी के बीच रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे टूटकर 85.73 (अस्थायी) के स्तर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के अपने ऊपरी स्तर से कुछ टूटने के कारण रुपये की गिरावट पर कुछ अंकुश लगा। इसके अलावा घरेलू शेयर बाजारों में सुधार से भी स्थानीय मुद्रा को समर्थन मिला।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.77 पर खुला। दिन के कारोबार में रुपये ने डॉलर के मुकाबले 85.65 के उच्चतम स्तर को छुआ।
रुपया कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले 85.73 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले पांच पैसे की गिरावट है।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘जनवरी में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती नहीं करने के अनुमान के बीच एफआईआई की निकासी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण रुपया नकारात्मक दायरे में कारोबार करेगा।’’
उन्होंने कहा कि घरेलू बाजारों में किसी भी सुधार से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के 85.50 से 85.90 के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.30 प्रतिशत गिरकर 107.92 पर था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.42 प्रतिशत बढ़कर 76.62 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध रूप से 2,575.06 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा पाण्डेय अजय
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