मुंबई, 16 जनवरी (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे लुढ़ककर 86.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशों में डॉलर के मजबूत होने, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी कोषों की निकासी से रुपये में गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हालांकि, सकारात्मक घरेलू शेयर बाजारों ने निचले स्तर पर स्थानीय मुद्रा को कुछ राहत प्रदान की।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.42 पर खुला और 86.37 के दिन के उच्चतम स्तर को छूने के बाद सत्र के अंत में 86.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 21 पैसे की बड़ी गिरावट है।
बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की बढ़त के साथ 86.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इससे एक दिन पहले यह अपने सबसे निचले स्तर से 17 पैसे के उछाल के साथ बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि आयातकों द्वारा डॉलर की बढ़ती मांग के कारण रुपये में गिरावट आई।
उन्होंने कहा, ‘‘आयातक डॉलर खरीदना जारी रख सकते हैं, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ सकता है। व्यापारी खुदरा बिक्री और अमेरिका से साप्ताहिक बेरोजगारी दावों के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं। डॉलर-रुपये का हाजिर भाव 86.35 रुपये से 86.75 रुपये के दायरे में रहने की उम्मीद है।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.05 प्रतिशत की तेजी के साथ 108.97 हो गया।
वायदा कारोबार में अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.93 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
विश्लेषकों ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं को लेकर चिंता से डॉलर और कच्चे तेल में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है, जबतक कि अगले सप्ताह अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता नहीं संभाल लेते।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 318.74 अंक चढ़कर 77,042.82 अंक पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 98.60 अंक बढ़कर 23,311.80 अंक पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 4,341.95 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश अजय
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