मुंबई, 31 अक्टूबर (भाषा) बृहस्पतिवार को रुपया सपाट रुख के साथ बंद हुआ और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसा बढ़कर 84.07 (अस्थायी) पर पहुंच गया। विदेशी पूंजी की लगातार निकासी और आयातकों की ओर से माह के अंत में डॉलर की मांग के कारण घरेलू मुद्रा प्रभावित हुई।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा संदिग्ध हस्तक्षेप ने स्थानीय मुद्रा को निचले स्तरों पर सहारा दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 84.08 पर खुला। यह एक सीमित दायरे में कारोबार करता रहा और दिन के अंत में 84.07 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद से एक पैसा अधिक था।
बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन पैसे कमजोर होकर 84.08 पर बंद हुआ।
स्थानीय मुद्रा अपने सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है। रुपया 11 अक्टूबर को डॉलर के मुकाबले 84.10 के अपने निम्नतम बंद स्तर पर पहुंच गया था।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.91 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.22 प्रतिशत बढ़कर 72.71 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 553.12 अंक की गिरावट के साथ 79,389.06 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 135.50 अंक की गिरावट के साथ 24,205.35 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 4,613.65 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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