नयी दिल्ली, 27 अगस्त (भाषा) सड़क इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) कंपनियों की आय वृद्धि अगले वित्त वर्ष में नरम होकर पांच से सात प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है। इसका कारण यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के कम आवंटन से उनके ऑर्डर पर असर पड़ रहा है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही।
रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों की साख स्थिर बनी रहेगी। इन कंपनियों की साख को स्थिर परिचालन लाभ और मजबूत बही-खाते का समर्थन प्राप्त है।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक मनीष गुप्ता ने कहा कि चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में राजस्व वृद्धि प्रभावित होगी। जबकि पिछले पांच साल में 13 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के बीच औसतन 12,500 किलोमीटर की परियोजनाएं आवंटित कीं। लेकिन पिछले वित्त वर्ष में यह घटकर 8,581 किलोमीटर और चालू वित्त वर्ष में यह 8,000 किलोमीटर रह गई।
क्रिसिल के अनुसार, परियोजना आवंटन में कमी का कारण परियोजनाओं के लागत अनुमानों की मंजूरी से जुड़े प्रक्रियात्मक मुद्दे और चुनाव से पहले आदर्श आचार-संहिता का लागू होना था। साथ ही कुछ अन्य मुद्दे भी हैं। सरकार वर्तमान में ईपीसी और हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) के अलावा भविष्य की परियोजनाओं के लिए बनाओ,चलाओ और सौंप दो (बीओटी) टोल मॉडल पर गौर कर रही है।
हालांकि, लागत के मोर्चे पर कंपनियों कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। प्रमुख कच्चे माल…इस्पात और तारकोल… की कीमतें वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले अपने शीर्ष स्तर से 5-17 प्रतिशत नीचे हैं।
क्रिसिल ने कहा, ‘‘चूंकि ज्यादातर परियोजनाएं निश्चित मूल्य के आधार पर दी जाती हैं, अत: परिचालन लाभ 13-14 प्रतिशत पर स्थिर रहेगा।
भाषा रमण अजय
अजय