ढाका, 24 नवंबर (भाषा) बांग्लादेश में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार द्वारा भारत के अदाणी समूह सहित विभिन्न व्यापारिक समूहों के साथ हस्ताक्षरित बिजली समझौतों की जांच के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने की सिफारिश की गई है।
इस संबंध में अंतरिम सरकार ने एक समीक्षा समिति का गठन किया था, जिसने रविवार को यह सिफारिश की।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय की राष्ट्रीय समीक्षा समिति ने 2009 से 2024 तक शेख हसीना के निरंकुश शासन के दौरान हस्ताक्षरित प्रमुख बिजली उत्पादन समझौतों की समीक्षा के लिए एक प्रतिष्ठित कानूनी और जांच एजेंसी को नियुक्त करने की सिफारिश की है।’’
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि समिति इस समय सात प्रमुख ऊर्जा और बिजली परियोजनाओं की समीक्षा कर रही है। इसमें अदाणी (गोड्डा) बीआईएफपीसीएल का 1,234.4 मेगावाट का कोयला आधारित संयंत्र शामिल है।
अदाणी (गोड्डा) बीआईएफपीसीएल अदाणी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है। छह अन्य समझौतों में एक चीन की कंपनी के साथ हुआ है, जिसने 1,320 मेगावाट का कोयला आधारित बिजली संयंत्र बनाया है। बाकी समझौते बांग्लादेशी व्यापारिक समूहों के साथ किए गए हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे पिछली सरकार के करीबी हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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