आयकर अधिनियम की समीक्षा तय समय में पूरी कर ली जाएगीः सीबीडीटी प्रमुख

आयकर अधिनियम की समीक्षा तय समय में पूरी कर ली जाएगीः सीबीडीटी प्रमुख

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  • Publish Date - August 21, 2024 / 09:59 PM IST,
    Updated On - August 21, 2024 / 09:59 PM IST

नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा का काम छह महीनों की निर्धारित समयसीमा में पूरा कर लिया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करते हुए कहा था कि देश के प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाने के लिए इसकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने इस काम को छह महीने में पूरा करने की बात कही थी।

आयकर विभाग का नियंत्रण करने वाले सीबीडीटी के प्रमुख अग्रवाल ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमारे पास एक महत्वपूर्ण कार्य है जो आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा का है। इसका उद्देश्य मुकदमेबाजी को कम करना और करदाताओं को कर निश्चितता प्रदान करना है।’’

अग्रवाल ने कहा कि सीबीडीटी ने इसके लिए मिशन अंदाज में काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह काम चुनौतीपूर्ण और परिवर्तनकारी होने के बावजूद निर्धारित समयसीमा में पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने आयकर विभाग के 165वें वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आश्वस्त किया कि समीक्षा को तय समय में पूरा कर लिया जाएगा।

सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की नई व्यवस्था लोगों को पसंद आ रही है और करीब 72 प्रतिशत करदाताओं ने इसे चुना है। रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई तक 58.57 लाख लोगों ने पहली बार आयकर रिटर्न जमा किए।

उन्होंने कहा कि अब तक संपर्क-रहित व्यवस्था के तहत कुल 6.76 लाख आयकर आकलन पूरे किए गए हैं, जबकि जुलाई तक 2.83 लाख अपीलों को अंतिम रूप दिया गया।

सीबी़डीटी प्रमुख ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह के मामले में प्रदर्शन ‘संतोषजनक’ रहा है क्योंकि वित्त वर्ष 2023-24 में 19.58 लाख करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया, जो उसके एक साल पहले की तुलना में 17.70 प्रतिशत अधिक है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय