नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) सरकार को खुदरा विक्रेताओं के लिए कम लागत वाले कर्ज, सब्सिडी एवं जमीन की दरों के अलावा बिजली जैसी बुनियादी जरूरतों पर लाभ देना चाहिए।
भारतीय खुदरा विक्रेता संघ (आरएआई) ने शुक्रवार को आम बजट 2024-25 के लिए सरकार को सौंपे अपने सुझाव में यह बात कही। इसके साथ ही आरएआई ने मांग पैदा करने और खपत बढ़ाने के लिए आम लोगों को कर राहत देने की भी अपील की।
भारत में खुदरा व्यापार का हिस्सा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 10 प्रतिशत है और यह क्षेत्र सीधे तौर पर रोजगार में लगे लोगों की संख्या के लिहाज से कृषि के बाद दूसरे स्थान पर है।
आरएआई ने अपने बजट-पूर्व ज्ञापन में उन क्षेत्रों का जिक्र किया है, जहां खुदरा उद्योग को मजबूत बनाने के लिए ध्यान देने की जरूरत है।
उद्योग निकाय ने कहा, ”इस क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट में कम करों के रूप में लाभ या रियायतें देकर मांग पैदा करने और खपत को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
ज्ञापन में कहा गया है कि इससे समग्र उपभोक्ता धारणा को बढ़ावा मिलेगा और खुदरा क्षेत्र को लाभ होगा।
आरएआई ने कहा कि बजट में खुदरा उद्योग के विकास में मददगार नीतियों, सरल विनियमों, कौशल विकास और सरल जीएसटी मानदंडों की रूपरेखा भी तैयार की जानी चाहिए।
उद्योग निकाय ने कहा कि खुदरा विक्रेताओं को कम ब्याज दर कर्ज देने की जरूरत है। सरकार से खाद्य और पेय खुदरा क्षेत्र को एक आवश्यक सेवा के रूप में मान्यता देने का अनुरोध भी किया गया।
भाषा पाण्डेय रमण प्रेम
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