नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) सब्जियों एवं प्रोटीन-युक्त उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की दर घटने से फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति सालाना आधार पर घटकर 3.61 प्रतिशत पर आ गई है। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने फरवरी महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए।
खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में 4.26 प्रतिशत के स्तर पर थी, जबकि फरवरी, 2024 में यह 5.09 प्रतिशत थी।
खुदरा मुद्रास्फीति में आई इस गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए अगले महीने होने वाली मौद्रिक समीक्षा के दौरान प्रमुख नीतिगत दर में लगातार दूसरी बार कटौती की गुंजाइश बन गई है।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी, 2025 के लिए सालाना आधार पर खाद्य मुद्रास्फीति दर 3.75 प्रतिशत रही है।
एनएसओ ने कहा, ‘‘जनवरी की तुलना में फरवरी, 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति में 2.22 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई है। फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति मई, 2023 के बाद सबसे कम है।’’
एनएसओ ने कहा कि फरवरी के दौरान मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडे, मांस और मछली, दालों और इसके उत्पादों और दूध और उसके उत्पादों की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है।
आरबीआई ने मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंताएं कम करने के लिए फरवरी में नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया था। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक अप्रैल की शुरुआत में होने वाली है।
सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत के भीतर रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। आरबीआई अपनी मौद्रिक दरों का फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति पर विशेष ध्यान देता है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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