मुंबई, 22 नवंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दो दिवसीय उच्च स्तरीय नीति सम्मेलन में ‘ग्लोबल साउथ’ के केंद्रीय बैंकों के गवर्नर, डिप्टी गवर्नर और अन्य अधिकारियों सहित 18 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
ग्लोबल साउथ के केंद्रीय बैंकों का उच्च स्तरीय नीति सम्मेलन यहां शुक्रवार को आरबीआई की स्थापना के 90वें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि बाहरी क्षेत्र के असंतुलन, सीमित राजकोषीय गुंजाइश, ऊंचे ऋण स्तर और वित्तीय बाजार में जारी अस्थिरता के बीच ग्लोबल साउथ के देशों के लिए समग्र स्थिरता को बनाये रखना एक कठिन चुनौती है।
उन्होंने कहा कि समग्र स्थिरता में निरंतर वृद्धि, मूल्य स्थिरता और वित्तीय स्थिरता शामिल है।
दास ने कहा कि केंद्रीय बैंकों को अधिक मजबूत, यथार्थवादी और चुस्त नीति ढांचे की दिशा में काम करने की जरूरत है। बेहतर सामाजिक परिणाम हासिल करने के लिए मौद्रिक, विवेकपूर्ण, राजकोषीय और संरचनात्मक नीतियों का बेहतर ढंग से इस्तेमाल करना चाहिए।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति की घोषणाएं सार्वजनिक चर्चा में होने वाली अटकलों से जुड़ी होती हैं। ऐसे में अनुमानों को संशोधित किया जाता है और जोखिमों का संतुलन फिर से साधा जाता है।
भाषा पाण्डेय रमण
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