नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2030 तक 500 गीगावाट करने को प्रतिबद्ध: केंद्रीय मंत्री जोशी

नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2030 तक 500 गीगावाट करने को प्रतिबद्ध: केंद्रीय मंत्री जोशी

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  • Publish Date - January 21, 2025 / 07:51 PM IST,
    Updated On - January 21, 2025 / 07:51 PM IST

जयपुर, 21 जनवरी (भाषा) केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार वर्ष 2030 तक देश में नवीकरणीस ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 500 गीगावाट करने को प्रतिबद्ध है। सरकार इस अवधि में देश की ऊर्जा की 50 प्रतिशत आवश्यकता को नवीकरणीय ऊर्जा से पूरा करने के लिए भी कटिबद्ध है।

यहां नवीकरणीय ऊर्जा पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2030 तक देश में नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन 500 गीगावाट तक बढ़ाने, वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा से ऊर्जा आवश्यकता का 50 प्रतिशत पूरा करने तथा वर्ष 2070 तक देश को शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन तक ले जाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इस प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में केन्द्र और राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही हैं।’’

आधिकारिक बयान के अनुसार जोशी ने कहा कि वर्ष 2032 तक देश की ऊर्जा आवश्यकता दोगुनी होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि दस साल पहले भारत विश्व की 11वीं अर्थव्यवस्था था। सबसे तेज गति से प्रगति करते हुए देश आज पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र आगे बढ़ सकें, इसके लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।

मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप 2026) के अनुसार आने वाले समय में कार्बन उत्सर्जन घटाने और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए आने वाले वर्षों में विश्व के कई देशों में जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोल, डीजल आदि) के औद्योगिक उपयोग पर हरित कर लगाने की तैयारी की जा रही है।

ऐसे में भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाए रखने और ‘ग्लोबल वार्मिंग’ से निपटते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करना हम सबका कर्तव्य है।

केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने कहा कि पीएम सूर्यघर योजना से देश में एक करोड़ परिवारों का बिजली बिल लगभग शून्य हो जाएगा जो उन्हें ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार पीएम कुसुम योजना किसानों की वितरण कंपनियों पर निर्भरता कम कर उनकी ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में कारगर पहल साबित हुई है।

बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा के दक्ष उपयोग, नवीकरणीय स्रोतों को अपनाने और नई ऊर्जा नीतियों को विकसित करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान नवीकरणीस ऊर्जा में बड़ी भूमिका निभाएगा और विकसित राजस्थान 2047 का संकल्प पूरा करने में इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान स्वच्छ ऊर्जा नीति 2024 जारी की है जिसमें वर्ष 2030 तक 125 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ में 35 लाख करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसमें भी 28 लाख करोड़ से अधिक तो अकेले ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित है। इन करार से स्थापित होने वाली परियोजनाओं से प्रदेश में सौर ऊर्जा तथा पवन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

समीक्षा बैठक के उद्घाटन सत्र में हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज, हिमाचल प्रदेश के आवास प्रबंध मंत्री राजेश धर्माणी, जम्मू-कश्मीर के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग मंत्री सतीश कुमार शर्मा ने भी विचार रखे।

भाषा पृथ्वी कुंज राजकुमार रमण

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