नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) भारत के सबसे बड़े तेल और गैस बोली दौर में चार बोलीदाता शामिल हुए हैं। हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) के अनुसार, इनमें सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लि. (ओआईएल) तथा निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड शामिल हैं।
ज्यादातर ब्लॉक के लिए सिर्फ दो बोलियां मिलीं। ओएएलपी-नौ बोली दौर के तहत तेल और गैस खोज तथा उत्पादन के लिए 1.36 लाख वर्ग किलोमीटर में फैले 28 ब्लॉक या क्षेत्र की पेशकश की गई थी।
पहली बार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड-बीपी पीएलसी ने गुजरात में एक ब्लॉक के लिए ओएनजीसी के साथ मिलकर बोली लगाई।
रिलायंस और उसकी प्रमुख साझेदार बीपी पीएलसी ने 2017 से तेल और गैस बोली के पिछले आठ दौर में सिर्फ दो में बोली लगाई थी।
रिलायंस-बीपी गठबंधन ने पिछले दौर में जिन दो ब्लॉक के लिए बोली लगाई थी, उन्हें जीता था। यह पहली बार है, जब उन्होंने गुजरात-सौराष्ट्र घाटी में उथले पानी के ब्लॉक के लिए बोली लगाने के लिए ओएनजीसी के साथ मिलकर काम किया है।
मुक्त क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति (ओएएलपी-आठ) के पिछले आठवें दौर में ओएनजीसी ने अधिक गहरे समुद्र वाले कृष्णा गोदावरी घाटी ब्लॉक के लिए बोली नहीं लगाई थी। इसके लिए रिलायंस-बीपी गठबंधन ने दिलचस्पी दिखाई थी।
डीजीएच ने सोमवार को ओएएलपी-नौ दौर के तहत पेश किए गए 28 ब्लॉक के लिए बोलीदाताओं के नाम जारी किए, जिनके लिए बोलियां 21 सितंबर को बंद हो गईं।
ओएनजीसी ने अकेले 14 ब्लॉक के लिए और ओआईएल तथा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) जैसे भागीदारों के साथ चार अन्य ब्लॉक के लिए बोली लगाई।
रिलायंस-बीपी के साथ मिलकर लगाई गई बोली को मिलाकर ओएनजीसी ने प्रस्तावित 28 ब्लॉक में से 19 के लिए बोलियां लगाईं।
खनन कारोबारी अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली वेदांता लिमिटेड ने प्रस्तावित सभी 28 ब्लॉक के लिए बोली लगाई। सन पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने सात क्षेत्रों के लिए बोली लगाई।
प्रस्तावित 28 ब्लॉक में से चार के लिए तीन-तीन बोलियां मिलीं, जबकि बाकी के लिए दो बोलीदाता थे, जिनमें से एक वेदांता लिमिटेड है।
ब्लॉक उन फर्मों को दिए जाते हैं, जो इनसे उत्पादित तेल और गैस से उत्पन्न राजस्व का सबसे अधिक हिस्सा देने की पेशकश करते हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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