नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में जुलाई-सितंबर तिमाही में 1.4 अरब डॉलर के 25 सौदे हुए। इसमें सबसे ज्यादा सौदे डेवलपर द्वारा लाए गए पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये हुए। परामर्श कंपनी ग्रांट थॉर्नटन की सोमवार को जारी रिपोर्ट ‘रियल एस्टेट/रीट डीलट्रैकर- प्रोवाइडिंग एमएंडए एंड पीई डील इनसाइट’ में यह जानकारी दी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, “इस तिमाही में सौदों की संख्या मजबूत रही और कुल 25 सौदे हुए। इस तरह संख्या के मामले में सौदों की संख्या सबसे अधिक रही है। वहीं मूल्य के लिहाज से यह 2023 की दूसरी तिमाही के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है।’’
सौदे के मूल्य में मुख्य रूप से क्यूआईपी गतिविधि का योगदान रहा। इसके बाद आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में निजी इक्विटी वित्तपोषण, तथा रियल एस्टेट प्रौद्योगिकी कंपनियों में अतिरिक्त गतिविधियां थीं।
कुल गतिविधियों में से, कंपनियों ने विलय और अधिग्रहण (एम एंड ए) श्रेणी में 5.1 करोड़ डॉलर के आठ सौदों की सूचना दी।
पीई/वीसी (निजी इक्विटी/उद्यम पूंजी) श्रेणी में, कुल 40.1 करोड़ डॉलर के 12 सौदे हुए।
ग्रांट थॉर्नटन ने रिपोर्ट में कहा, “निजी इक्विटी वित्तपोषण में सौदा मूल्य में भारी गिरावट देखी गई। यह दूसरी तिमाही में 1.4 अरब डॉलर से सितंबर तिमाही में 40 करोड़ डॉलर रह गई। हालांकि, सौदों की मात्रा स्थिर रही, जो छोटे, अधिक लक्षित निवेश में निरंतर रुचि को दर्शाता है।”
तीसरी तिमाही के दौरान 4.9 करोड़ डॉलर का एक आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) तथा 94 करोड़ डॉलर के चार क्यूआईपी आए।
सितम्बर तिमाही में पूंजी बाजार की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई।
भाषा अनुराग अजय
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