रियल एस्टेट कंपनियां पर्यावरण अनुकूल निर्माण तकनीक अपनायें: गोयल

रियल एस्टेट कंपनियां पर्यावरण अनुकूल निर्माण तकनीक अपनायें: गोयल

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  • Publish Date - November 25, 2024 / 07:13 PM IST,
    Updated On - November 25, 2024 / 07:13 PM IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में अत्यधिक प्रदूषण को लेकर चिंता के बीच केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को रियल एस्टेट कंपनियों से पर्यावरण अनुकूल निर्माण तकनीक अपनाने के लिए कहा।

साथ ही उन्होंने क्षेत्र के शीर्ष निकाय क्रेडाई को 20 प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्ता पर निर्माण गतिविधियों के प्रतिकूल प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक टीम गठित करने का सुझाव दिया।

गोयल ने जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों का शीर्ष निकाय क्रेडाई के 25वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कंपनियों से शहरी क्षेत्रों में झुग्गी बस्तियों के प्रसार को रोकने के लिए कम किराये वाली आवासीय परियोजनाएं बनाने के लिए भी कहा।

उन्होंने क्रेडाई सदस्यों को रियल एस्टेट विकास और पुनर्विकास में अवसरों का लाभ उठाने के लिए विदेशी बाजारों में दस्तक देने पर विचार करने का भी सुझाव दिया।

गोयल ने कहा, ‘‘मैंने क्रेडाई से कम-से-कम महानगरीय शहरों या देश के 20 प्रमुख शहरों में अध्ययन के लिए एक टीम गठित करने पर विचार करने के लिए कहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि निर्माण का प्रदषूण पर क्या प्रभाव है और क्या इससे हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है।’’

मंत्री ने कहा कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए स्टील और ‘प्रीकास्ट फैब्रिकेशन’ (पहले से तैयार) का उपयोग कर बेहतर निर्माण तकनीक को अपनाने की जरूरत है। बेहतर तकनीक अपनाने से निर्माण की गति बढ़ेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘…यदि हम स्वैच्छिक रूप से से स्टील और ‘प्रीकास्ट’ संरचनाओं पर ध्यान दें तो आप अपना कारोबार बहुत तेजी से बढ़ा पाएंगे, अपने ग्राहकों को बेहतर ढंग से संतुष्ट कर पाएंगे और निर्माण की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।’’

गोयल ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि इससे हमें एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) और प्रदूषण स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है।’’

उन्होंने क्रेडाई से इसे एक मिशन के रूप में लेने और सरकार को रिपोर्ट करने का आग्रह किया।

गोयल ने किफायती किराये के घरों की आवश्यकता की भी बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि किराये का आवास एक और क्षेत्र है जहां सरकार भी आगे आने को इच्छुक है। हमने पहले एक योजना शुरू की है। आप अपने उद्योग के साथ इस पर चर्चा करने को इच्छुक हैं कि आगे चलकर किफायती किराये के आवास कैसे बना सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि किसी को भी झुग्गी में नहीं रहना पड़े।’’

गोयल ने कहा कि सरकार झुग्गी बस्तयों में रहने वाले लोगों को उसी स्थान पर या उसी क्षेत्र में और उसके आसपास उचित और बेहतर घर देकर उन्हें बसाने का प्रयास कर रही है।

मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर किराये का आवास भी उपलब्ध कराया जाए, तो हम विशेष रूप से शहरों में झुग्गियों को फैलने से रोक सकेंगे। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां हम मिलकर बेहतर कर सकते हैं।’’

गोयल ने रियल एस्टेट कंपनियों से शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन वाली परियोजना तैयार और निर्माण करने को भी कहा। उन्होंने पर्याप्त पार्किंग सुविधाओं, ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे और कचरे के पुनर्चक्रण सहित कई हरित सुविधाओं के प्रावधान के साथ समग्र विकास को अपनाने का सुझाव दिया।

मंत्री ने रियल एस्टेट क्षेत्र को अधिक संगठित बनाने की जरूरत भी बतायी।

उन्होंने क्रेडाई सदस्यों से रियल एस्टेट क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ प्रदान करने को कहा।

गोयल ने रियल एस्टेट कंपनियों को यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया कि उनके कर्मचारी ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) और ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) से जुड़े हों। इससे रियल एस्टेट उद्योग को रोजगार सृजन में उनके योगदान के लिए मान्यता प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

भाषा रमण अजय

अजय