नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) संकटग्रस्त शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर कर्जदाता उनके साथ काम करने को तैयार हैं तो वह उन्हें पूरा पैसा लौटाने को तैयार हैं।
मीडिया से ढाई घंटे की बातचीत में रवींद्रन ने कहा कि अगर कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया जारी रहती है तो कर्जदाताओं को कोई पैसा नहीं मिलेगा।
रवींद्रन ने कहा, “अगर वे मेरे साथ काम करने को तैयार हैं, तो मैं एक भी रुपया निकालने से पहले उन्हें पैसे वापस देने को तैयार हूं। हमने 14 करोड़ डॉलर का भुगतान किया, लेकिन वे पूरे 1.2 अरब डॉलर चाहते थे, जो हमने पहले ही प्रतिबद्ध कर दिए थे या निवेश कर दिए थे। अधिकांश ऋणदाता समझौता करना चाहते थे, लेकिन एक या दो लोग इससे बहुत ज़्यादा लाभ कमाना चाहते थे।”
वर्तमान में, बायजू दिवाला कार्यवाही से गुजर रही है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा अपने 158.9 करोड़ रुपये के बकाये की वसूली के लिए एनसीएलएटी से संपर्क करने के बाद दिवाला कार्यवाही शुरू हुई। कंपनी ने संपूर्ण बकाया राशि का भुगतान करने के बाद बीसीसीआई के साथ विवाद सुलझा लिया जिसके बाद एनसीएलएटी ने दिवाला कार्यवाही रद्द कर दी।
हालांकि, अमेरिकी ऋणदाताओं ने अपने एजेंट ग्लास ट्रस्ट के माध्यम से एनसीएलएटी के आदेश को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी, जिसने बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही बहाल कर दी।
भाषा अनुराग अजय
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